भोजन माता प्रकरण में दर्ज हुए SC-ST एक्ट में हाई कोर्ट की गिरफ़्तारी पर रोक, FIR रद्द करने पर सरकार से माँगा जवाब

चम्पावत: चम्पावत के भोजन माता प्रकरण में दर्ज हुए एससी एसटी एक्ट में कोर्ट ने गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी है। जिले के जीआइसी सूखाढांग के अभिभावक संघ अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जोशी समेत अन्य पांच के खिलाफ अवैध रूप से नियुक्त की गई सुनीता ने एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसे लेकर आरोपियों ने हाई कोर्ट में केस को रद्द करने के लिए याचिका डाली थी।

सुनवाई में कोर्ट ने प्रथमदृष्टया माना कि नियुक्ति का विरोध करने व शिकायत करने पर नरेंद्र व अन्य के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिस आधार पर कोर्ट ने गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया है।

क्या था मामला
दरअसल स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा एक नियुक्ति भोजन माता के लिए प्रकाशित की गई थी। जिसमे सबसे पहले पुष्पा भट्ट को भोजन माता के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन प्रधानाचार्य ने यह कहते हुए दूसरा विज्ञापन निकाल दिया कि विद्यालय दलितों को इसमें प्राथमिकता देगा। जिसपर पूरा बखेड़ा खड़ा हुआ था।

प्रधानाचार्य जोकि स्वयं एससी समाज से आते है उन्होंने एक तरफ़ा सुनीता को भोजन माता के लिए चुन लिया। कमिटी ने पुष्पा भट्ट के साथ हुए अन्याय के बाद इसकी शिकायत जिले के DM से की थी। DM ने जाँच कर पाया कि सुनीता को नियमो के विरुद्ध रखा गया है। जिसपर उन्होंने सुनीता की नियुक्ति को भी रद्द कर दिया था।

नियुक्ति रद्द होने के बाद सुनीता कुमारी ने अभिभावक संघ अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जोशी समेत अन्य पांच पर एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करा दिया था।

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