रायपुर: एक अहम मामले पर फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा कि अगर कोर्ट को ऐसा लगता है कि एससी एसटी एक्ट का मामला झूठा दर्ज किया गया है तो उन मामलो में कोर्ट अग्रिम जमानत दे सकती है। ऐसे ही एक एससी एसटी एक्ट के मामले में जस्टिस दीपक कुमार तिवारी की बेंच ने एक आरोपी को जमानत प्रदान की।
आरोपी पर एससी एसटी एक्ट की 3 (1) (r), 3 (1) (s), and 3 (2) (va) धारा में FIR दर्ज हुई थी। जिसके बाद आरोपी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जानकारी के अनुसार आरोपी एक उप सरपंच है व FIR दर्ज कराने वाला व्यक्ति पंचायत सचिव है। पंचायत सचिव के मुताबिक उप सरपंच ने पंचायत रजिस्टर में कई बदलाव करने को कहा था जिसका उसने विरोध किया जिसपर उसको जातिसूचक गालिया व मार पीट की गई।
उप सरपंच ने पैसे के गड़बड़ को लेकर की थी शिकायत
उप सरपंच के वकील रविंद्र शर्मा ने कोर्ट को बताया कि उप सरपंच ने सचिव द्वारा किये गए पैसे के गड़बड़ पर एक मामला दर्ज किया हुआ था जिसके चलते उसपर फर्जी एससी एसटी एक्ट का मामला दर्ज किया गया है।
सभी पहलुओं को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को 25 हज़ार के जमानती बांड पर अग्रिम जमानत दे दी।