आगरा: शहर की आवास विकास कॉलोनी के रहने वाले एक परिवार ने परिवार सहित आत्महत्या कर ली। परिवार गरीबी व नौकरी न मिलने से परेशान था।
दरअसल अपने माँ बाप के साथ रहने वाला सोनू शर्मा कई दिनों से आर्थिक तंगी से झूझ रहा था। कई वर्षो से काम न मिलने के कारण वह अवसाद में चला गया था।
सोनू का 14 साल पहले उसकी पत्नी गीत के साथ विवाह हुआ था। दोनों शादी के बाद से हरिद्वार में रहते थे। वहां एक फैक्टर में हादसे के बाद से सोनू वजन उठाने में सक्षम नहीं था। जिसके बाद सोनू आगरा वापस आ गया।
आगरा में माता पिता ने उसे एक कमरा बनवाकर दिया जिसमे सोनू अपने परिवार के साथ रह रहा था। लॉक डाउन के बाद पिता का काम भी बंद हो गया जिससे सोनू के दोनों बच्चो का स्कूल भी छूट गया। सोनू के साथ उसकी पत्नी व दस साल की बेटी ने भी अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
सुसाइड नोट में लिखा कब तक आपसे आटा दाल मांगकर खाते रहेंगे
सुसाइड नोट पढ़ कर पुलिस कर्मी भी खुद को आंसू पोछने से नहीं रोक पाए। दंपत्ति के सुसाइड नोट में लिखा है कि जब से हम आगरा आए हैं, तब से आपके ऊपर बोझ बन गए हैं। आप मेरा खर्चा कब तक उठाओगे। आज के जमाने में आदमी अपने खर्च तक नहीं उठा सकता, दूसरों का क्या उठाएगा। फिर भी आपने बहुत कुछ किया। कब तक यूं ही खाते रहेंगे।
15 दिन से नीचे नहीं उतरे थे
मृतक सोनू की मां कांता देवी ने बताया कि सोनू व उसकी पत्नी पिछले पंद्रह दिनों से नीचे नहीं आये थे। आशंका है कि दंपत्ति अवसाद में जा चुके थे। माँ सीढ़ियां नहीं चढ़ पाती थी। तो आवाज लगाकर हाल चाल पूछ लेती थी।
माता पिता बहन ने छोड़ा साथ
ताजगंज के शवदाह गृह में एक साथ सोनू, गीता व सृष्टि की चिताएं जलीं। 10 साल के मासूम श्याम ने बाप-मां और बहन को मुखाग्नि दी। यह देख कर सबके आँखों से आंसू आ गए।