जालौर- राजस्थान के जालौर में 9 वर्षीय दलित छात्र इंद्र मेघवाल की मौत के मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें हमारी पिछली रिपोर्ट में दिए गए तथ्य और एक-एक बात 100 फीसदी सटीक और सही साबित हुई हैं।
जैसा कि हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में एक आडियो क्लिप भी जारी किया था, जिसमें मृतक के पिता और शिक्षक चैल सिंह द्वारा किसी ने भी जातिवाद या घड़े से पानी पीने की बात का जिक्र नहीं किया था। जिससे यह पहले ही स्पष्ट हो गया था कि मामला किसी भी तरह से जाति संबंधित नहीं है और न ही पानी के बर्तन से संबंधित कोई घटना स्कूल में घटी थी।
जानिए पुलिस चार्जशीट में क्या आया सामने?
पुलिस चार्जशीट में जिक्र किया गया है कि स्कूल के 4 छात्रों के धारा 161 व 164 के तहत बयान दर्ज किए गए थे, जिसमें उन्होंने विद्यालय में कोई भी मटकी न होने की बात कही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय में सभी बच्चे एक ही टंकी से पानी पीते हैं।
इतना ही नहीं शिक्षकों व ग्रामीणों ने भी पुलिस बयान में मटकी न होने की बात कही है, शिक्षक चैल सिंह व इंद्र के पिता के बीच हुए समझौते में शामिल दो लोगों ने भी बयान में यही कहा कि उस दिन मटकी को लेकर थप्पड़ मारने वाली बात हमारे सामने नहीं आई थी।
जबकि मटकी वाली बात खुद इंद्र के पिता देवाराम, चाचा किशोर, दादा पोलाराम, भाई नरेश, मां पवनी देवी ने पुलिस बयान में बताई थी।
दलित चिंतकों ने घटना को दिया था जातिगत रूप
वहीं हमारी जांच पड़ताल में स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों ने पहले ही बताया था कि स्कूल में पीने के पानी के लिए अलग से कोई भी बर्तन नहीं है, भीम आर्मी और अन्य तथाकथित दलित संगठनों की संलिप्तता के बाद ही मामले को जातिगत रूप देने का प्रयास किया गया था।