संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर दलितों के अधिकारों की वकालत करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय समूह ‘इंटरनेशनल दलित सॉलिडेरिटी नेटवर्क’ सहित नौ गैरसरकारी संगठनों को संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) ने सलाहकार का दर्जा प्रदान कर दिया हैं।
भारत सहित कई देशों ने जताई थी आपत्ति
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद ने दुनिया भर के गैरसरकारी संगठनों को मान्यता देने के लिए बुधवार को मतदान कराया गया था, जिसमें भारत, चीन और रूस सहित कई देशों ने इस विषय को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी।
लेकिन इसके बावजूद दलित संगठन ‘इंटरनेशनल दलित सॉलिडेरिटी नेटवर्क’ समेत नौ गैरसरकारी संगठनों को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद ने मान्यता प्रदान कर दी हैं। अमेरिका द्वारा रखें गए प्रस्ताव को मान्यता देने के लिए पक्ष में 24 मत, तो वही प्रस्ताव के विरोध 17 मत पड़े। जबकि वोटिंग के दौरान 12 सदस्य अनुपस्थित भी पाए गए।
जानिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के बारे में
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद यूएन के छह प्रमुख अंगों में से एक है, जो विशेष रूप से संगठन के आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों के समन्वय के लिए जिम्मेदार है। इसके अधिकार क्षेत्र में पंद्रह विशिष्ट एजेंसियां , आठ कार्यात्मक आयोग और पांच क्षेत्रीय आयोग आते हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.