कोटा- राजस्थान के कोटा में एक युवक की शादी के कुछ महीने बाद ही उसकी पत्नी के द्वारा उस पर रेप, अप्राकृतिक कृत्य व धमकाने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जो अब तीन साल के लंबे समय के बाद जांच में झूठी पाई गई हैं। वहीं पीड़ित युवक का कहना है कि तत्कालीन थानेदार की एक गलती की वजह से उसने तीन साल तक जो मानसिक तनाव झेला और उसके मान सम्मान को जो क्षति पहुँची है, उसका जिम्मेदार कौन होगा।
जानिए क्या है पूरा मामला?
आपको बता दे कि कोटा जिले के दादाबाड़ी निवासी एक युवक की शादी 2018 में हुई थी, दोनों पति पत्नी आपस में पहले से ही एक दूसरे को जानते थे। लेकिन शादी के दो महीने बाद ही उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ आरकेपुरम थाने में रेप, अप्राकृतिक कृत्य व धमकाने के आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवा दी थी।
जिसके बाद तत्कालीन थाना अधिकारी ओमप्रकाश वर्मा ने मामले की जांच करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया था, इतना ही नहीं 2020 में पीड़ित ने हाईकोर्ट में अपील करते हुए मामले की जांच दूसरे अधिकारी से करवाने की मांग की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सिटी एसपी ने इस पूरे मामले की जांच दूसरे अधिकारी द्वारा करवाई गई, जिसमें पीड़ित के खिलाफ कोई भी अपराध साबित नहीं हुआ।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
वहीं हाईकोर्ट के निर्देश पर सिटी एसपी ने मामले की जांच तत्कालीन डीएसपी को सौंप दी थी, जिसमें खुलासा हुआ कि शादी के बाद से ही महिला के किसी दूसरे व्यक्ति से संबंध होने की बात पर दोनों में झगड़ा होने लगा था और शादी से पहले महिला ने युवक को व्यवसाय के लिए ढाई लाख रुपए दिए थे। जो महिला वापिस मांग रहीं थी, लेकिन रूपये न लौटने पर उसने महिला थाने में शिकायत दर्ज करा दी थी।
इतना ही नहीं जब महिला थाने में भी दोनों के बीच राजीनामा नहीं हुआ, तो उसने युवक के खिलाफ रेप, अप्राकृतिक कृत्य व धमकाने के आरोप में आरकेपुरम थाने में मामला दर्ज करा दिया था।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.