बीकानेर- मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना राजस्थान के बीकानेर जिले के छत्तरगढ़ थाना क्षेत्र से सामने आई हैं। जहां एक दलित दंपति ने नौकरी जाने के डर से अपनी ही 5 महीने की बेटी को नहर में फेंक दिया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने आरोपी झंवरलाल मेघवाल और उसकी पत्नी दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं।
वहीं हमें लगी जानकारी के अनुसार आरोपी चांडासर गांव स्थित एक विद्यालय में संविदा सहायक के पद पर कार्यरत है और पिछले साल दिसंबर में ही खुद की दो संतान होने का शपथ पत्र दिया था, जिसके बाद उसका मानना था कि कुछ समय बाद ही वह परमानेंट हो जाएगा। लेकिन साथ ही उसे इस बात की शंका भी सता रहीं थी कि उसके दो से ज्यादा बच्चे होने के कारण उसकी नौकरी भी जा सकतीं है, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया हैं।
वहीं अगर आरोपी झंवरलाल मेघवाल के बच्चों की बात करे तो यह बात भी सामने आई है कि मृतक मासूम के अलावा आरोपी झंवरलाल के पहले से तीन बच्चे है, जिसमें से उसने एक बेटी अपने बड़े भाई को गोद दे रखीं हैं।
घर लौटते समय दिया घटना के अंजाम
आपको बता दे कि आरोपी झंवरलाल बीते दिनों छत्तरगढ़ स्थित अपने साले के घर गया था, जहां से वापस लौटते समय रविवार को दोनों पति पत्नी ने आपस में मिलकर एक प्लान बनाया और बड़ी चालाकी के साथ मासूम को रास्ते में मिली एक नहर में फेंक दिया। लेकिन जैसे ही आसपास के लोगों ने इस घटना को देखा तो वह चिल्लाएं लेकिन आरोपी और उसकी पत्नी दोनों वहां से भाग गए।
जिसके बाद आसपास के लोगों ने मासूम को पानी से बाहर निकाल कर उसे बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और मासूम की पानी में डूबने से मौत हो गई थी। दिल को झकझोर देने वाली इस घटना का एक वीडियो सोशलमीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.