हिसार: हरियाणा के हिसार जिले की एक महिला ने बार बार दर्ज कराये जा रहे एससी एसटी एक्ट के मामलों से तंग आकर अपनी जान दे दी। हिसार के चौधरीवास गांव की रहने वाली मृतका 40 दिन जेल में रहकर आई थी जिसके बाद एक बार फिर उसपर दलित उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था। मृतका ने झूठे मामलों से तंग आकर जहर खाकर अपने प्राण त्याग दिए। मृतका की पहचान सावित्री के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार एससी-एसटी एक्ट के झूठे केस और धमकी से परेशान होकर जहरीला पदार्थ का सेवन करके आत्महत्या कर ली। वहीं मृतका के बेटे की तहरीर पर गाँव के ही सुखदेव और इसके तीन बेटे मक्ख़न, रविंद्र व विकास के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया गया है।
जमीन विवाद को लेकर था तनाव
आरोपी दलित परिवार से मृतका के परिवार का जमीनी विवाद था। प्रकरण में दलित परिवार की ओर से कई मामले मृतका पर दर्ज कराये गए थे। सावित्री के बेटे मनोज के मुताबिक जून 2020 में पिता सुंदर सिंह के खिलाफ झूठा एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करवाया गया था, जोकि सच साबित न होने पर खारिज कर दिया था। इसके बाद अक्टूबर 2020 में सुखदेव ने पिता व मां के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत फिर मुकदमा दर्ज करवाया था।
40 दिन की हुई थी जेल
अक्टूबर 2020 के मामले में मनोज के माता-पिता 40 दिन जेल में रहे थे। वहीँ जेल से बाहर आने के बाद एक बार फिर वर्ष 2022 में झूठा एससी एसटी एक्ट का मामला सुखदेव की ओर से दर्ज कराया गया था। यह मामला भी झूठा पाए जाने पर खारिज किया गया था। इसके बाद भी दलित परिवार मनोज सिंह के परिवार को नए मामले में फसाने के लिए धमका रहा था। धमकियों से परेशान होकर सावित्री ने 6 अगस्त को जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
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