ज्ञानव्यापी मंदिर पोस्टर चिपकाने वाले रोशन पांडेय कैमरे पर रोये, पंडिताई छूटी, पुलिस पर जूतों से पीटने का आरोप

लखनऊ: ज्ञानव्यापी के तहखाने में पूजा करने की इजाजत मिलने के आदेश के बाद साइन बोर्ड पर ज्ञानव्यापी मंदिर (Gyanvyapi Mandir) का पोस्टर चिपकाने के बाद वायरल हुए रोशन पांडे की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले तो रोशन पांडेय पर एक के बाद एक कई मामले दर्ज हुए। जिसपर रोशन पांडेय को बनारस छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। अब उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस कर्मियों ने उनके घर पर पहुँच कर महिलाओं को जूतों से पीटा है। साथ ही माकन मालिक को बुलडोज़र चलाने की भी धमकी दी है। इस मामले पर रोशन पांडेय ने नियो पॉलिटिको से बातचीत कर पुलिस की बर्बरता की कहानी को साझा किया।

SC ST एक्ट समेत कई मामलों में किया परेशान
वीडियो वायरल के तुरंत बाद से बनारस पुलिस ने रोशन पांडेय के खिलाफ दबिश देनी शुरू कर दी। पांडेय के खिलाफ वीडियो के तहत एक FIR दर्ज की गई। साथ ही उन्होंने बताया कि SC ST एक्ट समेत कई मामलों में उन्हें आरोपी बनाया गया। इस समय रोशन गिरफ्तारी के डर से बनारस छोड़ने को मजबूर हैं जिससे उनके घर पर आर्थिक संकट छा गया है। उनके अनुसार 4 पुलिस थानों की टीम ने मिलकर उनके घर का ताला भी तोड़ा था और सामान बाहर फेंक कर चले गए थे। इस मामले के बाद उन्हें पता चला कि उनपर 4 पुलिस थानों पर कई मामले दर्ज हैं।

पूजा पाठ और कर्मकांड कर चलाते थे आजीविका
रोशन पांडे ने बताया कि वह किराये के कमरे में रहकर पूजा पाठ कर आजीविका चलाते थे। वीडियो वायरल होने के बाद से उनके आगे आर्थिक संकट पैदा हो गया। साथ ही उनके घर का सामान भी पुलिस ने बाहर फेंक दिया था। परिवार में उनके घर की महिलाओं के साथ बहुत ही अभद्रता से पेश आया गया है। रोशन ने बताया कि हिन्दू समाज ने उन्हें अकेला छोड़ दिया है।

महिलाओं को जूतों से पीटा, बाल नोचें
आगे रोशन ने बताया कि कैसे उनके घर की महिलाओं को बूरी तरह से पुरुष पोलिसकर्मियों ने पीटा था। आरोप है कि पुलिस वालों ने घर में घुस कर महिलाओं को बेड पर लेटाकर जूतों से पीटा है। साथ ही उनके बालों को नोचा गया। वीडियो बनाने पर उनका मोबाइल तोड़ दिया गया।

कंप्लेंट करने पर जाँच आरोपी अधिकारी को सौंपी
रोशन के अनुसार उन्होंने जब इसकी शिकायत CM योगी से की तो जाँच लंका थाने के SHO को सौंप दिया गया जो इस मामले खुद आरोपी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी जाति के कारण परेशान किया जा रहा है। साथ ही जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है उसी से अगर जाँच कराई जा रही है तो ऐसे में वह न्याय की क्या उम्मीद रखें।


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