कानपुर- उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले में शादी और पैसों का लालच देकर धर्मांतरण कराने के मामले में कानपुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगीं है। पुलिस ने 2 बसों से लगभग 110 महिला व पुरूषों को रेस्क्यू किया है, जिन्हें कानपुर से 45 किमी दूर उन्नाव के एक चर्च में ले जाया जा रहा था। वहां आयोजित एक कार्यक्रम में सभी का धर्मांतरण कराये जाने का प्लान था। हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया।
बजरंग दल की सूचना पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई
कर्नलगंज एसीपी महेश कुमार ने बताया कि बजरंग दल के द्वारा शनिवार देर रात सूचना दी गई कि नवाबगंज से दो बसों में 110 से ज्यादा लोगों को धर्मांतरण के लिए उन्नाव के एक चर्च ले जाया जा रहा है, जिसके बाद सूचना मिलने पर पुलिस ने गंगा बैराज पर बैरिकेटिंग लगाकर चैकिंग शुरू कर दी। जहां चैकिंग के दौरान पुलिस ने दोनों बसों को रास्ते में ही रोक लिया और बस में सवार लोगों से पूछताछ में सामने आया कि उन्हें कानपुर के नवाबगंज, अर्मापुर, कोहाना से लाया गया है। उन्होंने बताया कि उन्हें उन्नाव की एक चर्च में ले जाया जा रहा था, जहां देर रात धर्मांतरण समारोह का आयोजन सुनिश्चित था।
मामले में शुरूआती पूछताछ के बाद पुलिस दोनों बसों को वापिस नवाबगंज थाने ले आई। पुलिस ने धर्मांतरण कराने वाले विलियम्स निवासी आवाज विकास कल्याणपुर और दीपक मोरिस निवासी नवाबगंज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है, पुलिस दोनों से पूछताछ कर रहीं है।
जानिए कैसे हुआ धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश
अर्मापुर इस्टेट सर्वेंट क्वार्टर में रहने वाले संजय वाल्मीकि ने एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया कि “वह बिल्सी बदायूं का रहने वाला है, नोयल विलियम्स और दीपक मोरिस ने उसे और उसके परिवार से कहा कि अगर तुम क्रिश्चियन बन जाओ और हमारे ईशू की प्रार्थना करोगे तो तुम्हारी सारी परेशानियां दूर हो जाएगी। संजय ने आगे बताया कि इन लोगों ने ही उसकी पत्नी को बहका दिया, जिसके बाद अब वह मेरे साथ नहीं रहना चाहती है। अब ये लोग दबाव बना रहें है कि तुम क्रिश्चियन धर्म अपना लो तो तुम्हारी पत्नी और बच्चे तुम्हारे पास आ जाएगें।
संजय ने बताया कि विलियम्स और दीपक के द्वारा धमकी दी जा रहीं है कि तुम्हें हिन्दू धर्म छोड़ कर ईसाई बनना होगा और अपने हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियों को हटाना होगा। साथ ही प्रलोभन दिया जा रहा है कि ईसाई धर्म अपनाने पर क्रिश्चियन समाज और चर्च मिलकर 40-50 हजार रुपये और नौकरी व इलाज के लिए भी रूपये देगें। उन्होंने कहा कि चर्च के पादरी के द्वारा तुम्हें जो होली वाटर दिया जाएगा, उसे आखों पर लगाने पर ईशू की नेमत बरसेगी। विलियम्स और दीपक दोनों मुझे जबरन बस में बैठाकर धर्मांतरण के लिए उन्नाव ले जा रहें थे।
वहीं एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार का कहना है कि विलियम्स और दीपक के खिलाफ उत्तरप्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। दोनों से पूछताछ की जा रहीं है, जल्द ही धर्मांतरण से जुड़े पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जाएगा।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.