आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को नहीं मिल रहा EWS आरक्षण का लाभ, संघर्ष समिति ने उपमुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस के तहत 10 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिला रहा है, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने का कानून 2019 से ही पूरे देश में लागू हो चुका है। इसके बाद ईडब्ल्यूएस आरक्षण को छत्तीसगढ़ में भी समान रूप से लागू करवाने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग संघर्ष समिति के सदस्यों ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को एक ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग संघर्ष समिति के सदस्यों ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से भेंट कर आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के छात्रों और अभ्यर्थियों के हित में 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण को इसी शैक्षणिक सत्र से छत्तीसगढ़ की सभी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश व नौकरियों हेतु जारी आगामी विज्ञापनों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने की मांग की है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को भी केन्द्र सरकार के दृष्टिकोण के अनुसार मुख्यधारा से जुड़ने हेतु सहयोग प्राप्त हो सकें।

Uttarpradesh

पिछले पांच साल से नहीं मिल रहा ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ

बता दे कि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी पिछले पांच वर्षों से ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लाभ से वंचित है, संघर्ष समिति के सदस्यों कि कहना है कि छत्तीसगढ़ में 10 फीसदी आरक्षण लागू न होने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं को प्रदेश के शिक्षण संस्थानों व नौकरियों में इसका कोई उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। साथ ही वे छात्र जो ईडब्ल्यूएस वर्ग से है व विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं और नौकरियों की तैयारी कर रहे है, उनके द्वारा बनवाएं गए ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्रों की राज्य की शिक्षण संस्थाओं और भर्तियों में कोई उपयोगिता नहीं रह गई है।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग संघर्ष समिति के सदस्यों ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को अवगत कराया कि मेडिकल व डेंटल कोर्स में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में राज्य कोटा की सीटों पर सरकार द्वारा पूर्व में ही 10 फीसदी आरक्षण लागू कर दिया गया है। जबकि अन्य सभी प्रवेश, भर्ती और योग्यता परीक्षाओं में इसे अब तक लागू नहीं किया गया है। जिससे अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश की सरकारी स्कूलों में छात्रों के प्रवेश से लेकर महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पी.एच.डी. डिग्री के प्रवेश एव वर्तमान में जारी राज्य पात्रता परीक्षा के आवेदन तक में ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पाया है।

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Kapil reports for Neo Politico Hindi.

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