लखनऊ: यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को भोले बाबा के कार्यक्रम के बाद मची भगदड़ मचने से अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 150 से अधिक घायल हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। यह हादसा फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर 1 बजे हुआ। अलीगढ़, हाथरस, एटा और आगरा जिलों में रातभर पोस्टमॉर्टम जारी रहा और परिजन अपनों की लाशों को लेकर भटकते रहे। सिकंदराराऊ थाने के दरोगा ने देर रात हादसे के बाद 22 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम है, जबकि मुख्य आरोपी भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का नाम FIR में नहीं है।
भगदड़ के बाद से बाबा गायब है और पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। मैनपुरी में बाबा के आश्रम पर भी छापेमारी की गई, लेकिन बाबा नहीं मिला। वहीँ वकील गौरव द्विवेदी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में PIL दायर कर CBI जांच की मांग की है। सीएम योगी आदित्यनाथ अधिकारियों से हादसे की रिपोर्ट ले रहे हैं और आज सुबह 11 बजे हाथरस के जिला अस्पताल का दौरा करेंगे।
हादसे का कारण
जानकारी के अनुसार यह सत्संग देवप्रकाश मधुकर द्वारा आयोजित किया गया था, जिन्होंने लगभग 80,000 लोगों की भीड़ की अनुमति मांगी थी, लेकिन वास्तविकता में लगभग ढाई लाख लोग इकट्ठे हो गए। सत्संग खत्म होने के बाद, जब भोले बाबा अपने प्रवचन के बाद दोपहर 2 बजे अपनी गाड़ी में सवार होकर निकल रहे थे, तब बहुत सारी महिलाएं उनके चरण स्पर्श करने के लिए भीड़ में टूट पड़ीं। भीड़ को काबू में करने के लिए वॉलंटियर्स ने पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। इससे लोग डरकर इधर-उधर भागने लगे और भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ने लगे। इसी क्रम में कई लोग भीड़ की चपेट में आने से मारे गए। भीड़ अनियंत्रित होने के बाद घटना और भयावह हो गई।
प्रशासन के हाथ पाँव फुले
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, घटना के बाद आयोजकों और सेवादारों ने कोई सहयोग नहीं किया, जिससे कई लोगों की मौत हो गई। घायलों को हाथरस, अलीगढ़, एटा आदि के अस्पतालों में भेजा गया। इस हादसे के संबंध में सिकंदराराऊ थाने के दरोगा ने 22 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की, जिसमें मुख्य आयोजक देवप्रकाश मधुकर का नाम शामिल है, लेकिन मुख्य आरोपी भोले बाबा का नाम नहीं है। भगदड़ के बाद से बाबा गायब है और पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। मैनपुरी में बाबा के आश्रम पर भी छापेमारी की गई, लेकिन बाबा नहीं मिला।
कौन है भोले बाबा
भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल जाटव है। वे उत्तर प्रदेश के एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई एटा जिले में हुई थी। बचपन में वे अपने पिता के साथ खेती-किसानी में मदद करते थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी कर ली। सूरज पाल की तैनाती यूपी के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में भी रही। यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी करते हुए, 28 साल पहले सूरज पाल की पोस्टिंग इटावा में थी। इस दौरान, उन पर यौन शोषण का मुकदमा दर्ज हुआ, जिसके बाद उन्हें पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया और उपदेशक बन गए। लोग उन्हें भोले बाबा के नाम से जानने लगे। उनकी पत्नी भी उनके समागम में साथ रहती है।
भोले बाबा की है खुद की आर्मी
भोले बाबा के अनुयायी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में फैले हुए हैं। लगातार अपनी सुरक्षा बनाये रखने के लिए बाबा की खुद एक आर्मी है जो काले कपड़ों में भक्तों को बाबा से दूर रखती है। घटना के समय भी बाबा की आर्मी वहां मौजूद थी।
हैंडपंप के पानी से करते हैं इलाज
भोले बाबा के सत्संग में जो भी भक्त जाता है, उसे वहां पानी दिया जाता है। बाबा के अनुयायी मानते हैं कि इस पानी को पीने से उनकी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। एटा के बहादुर नगर गांव में बाबा का आश्रम है, जहां दरबार लगता है। आश्रम के बाहर एक हैंडपंप भी है। दरबार के दौरान इस हैंडपंप का पानी पीने के लिए भी लोग लंबी लाइन में खड़े रहते हैं।
Nancy Dwivedi
Nancy Dwivedi reports for Neo Politico.