देवरिया: जिले में जमीनी विवाद के दौरान पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता रामेश्वर तिवारी और उनकी बेटी के साथ की क्रूरता। संघ का नाम सुनते ही पुलिसकर्मी भड़क उठे और बर्बर पिटाई की। इस घटना से जिले में हड़कंप मच गया, और भाजपा कार्यकर्ताओं ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
ब्राह्मण संघ कार्यकर्ता का सच बोलना पड़ा भारी
लार थाना क्षेत्र के भीखम छपरा गांव निवासी रामेश्वर तिवारी का अपने पट्टीदारों के साथ जमीनी विवाद चल रहा था। इसी सिलसिले में 24 सितंबर 2024 को दोनों पक्षों को थाने पर बुलाया गया। बातचीत के दौरान जब रामेश्वर तिवारी ने कहा, “मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यकर्ता हूं और झूठ नहीं बोलता,” तो वहां तैनात मुंशी भड़क उठा।मुंशी ने तिवारी की बेटी के बाल पकड़कर उसे घसीटा और एक कमरे में ले जाकर उसकी पिटाई शुरू कर दी। जब रामेश्वर तिवारी ने इसका विरोध किया, तो थाने में मौजूद तीन यादव सिपाहियों ने भी उनकी चोटी पकड़कर उन्हें लात-घूसों से पीटना शुरू कर दिया। पुलिस की इस बर्बरता ने तिवारी परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।
मेडिकल में चोट बताने पर मिली जान से मारने की धमकी
इस क्रूर पिटाई के बाद रामेश्वर तिवारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां पुलिस ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने डॉक्टर को अपनी चोटों के बारे में बताया, तो उनके पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया जाएगा। पुलिस की इस धमकी ने तिवारी परिवार को और डरा दिया, लेकिन घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही मामला तूल पकड़ गया।
भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश
घटना के बाद जिले भर में भाजपा और संघ कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया। सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के आवास पर एकत्र होकर इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि लार थाना पुलिस समाजवादी पार्टी के दलालों के इशारे पर काम कर रही है और संघ व भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने तुरंत दोषी मुंशी, यादव सिपाहियों और थानेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
जिलाध्यक्ष का सख्त रुख – कार्यकर्ताओं का अपमान नहीं सहेंगे
भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया और पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा से बात की। उन्होंने थाने में तैनात मुंशी और सिपाहियों को तुरंत बर्खास्त करने और थानाध्यक्ष के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा। यदि प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे।”