सतना: जिले के मैहर के रिगरा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। विकास तिवारी नाम के युवक पर कुछ लोगों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया। अस्पताल में दो दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद उसने दम तोड़ दिया।
आखिर क्यों हुई यह घटना?
गांव के लोगों के मुताबिक, विकास तिवारी का कुछ लोगों के साथ पहले से विवाद था। बताया जा रहा है कि घटना वाले दिन विकास गांव में ही था, जब कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया। हमलावरों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी और उसे तड़पता छोड़कर फरार हो गए। मौके पर मौजूद लोग जब तक कुछ समझ पाते, तब तक विकास बुरी तरह जल चुका था। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई। डॉक्टरों की पूरी कोशिश के बावजूद विकास ने दो दिन बाद दम तोड़ दिया। अस्पताल में भर्ती विकास तिवारी ने गंभीर अवस्था में पुलिस को हमलावरों के नाम बताए। उसके बयान के मुताबिक, इस जघन्य अपराध में मुकेश पटेल और उसके कुछ अन्य साथी शामिल थे।
पुलिस की लापरवाही
विकास के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने शुरू में इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। घटना के बाद जब परिवार शिकायत दर्ज कराने गया, तो पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। गांव के लोग भी पुलिस के रवैये से नाराज थे। उनका कहना है कि हमलावरों का इलाके में दबदबा है, और पुलिस भी उनके इशारे पर काम करती है। इसी कारण से पीड़ित परिवार खुलकर कुछ कहने से डर रहा था।
समाजसेवियों के हस्तक्षेप के बाद हरकत में आई पुलिस
जब वरिष्ठ समाजसेवी महेश तिवारी और ब्राह्मण संगठन के जिला अध्यक्ष अभिषेक पांडे ने इस मामले को उठाया, तो पुलिस हरकत में आई और मामला दर्ज किया गया। अब पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन गांव के लोग आशंका जता रहे हैं कि अगर इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आरोपी बच निकलेंगे। विकास तिवारी की मौत के बाद गांव में रोष का माहौल है। ग्रामीणों और पीड़ित परिवार की मांग है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए।