होटल में घुसे मुस्लिम आतंकवादी, हिंदू मजदूरों को कलमा पढ़वाकर पहचान की, गोलियों से भूना: जन्मदिन मनाने पहुँचे थे बिहार के शैलेष और मुकेश

अनंतनाग: जम्मू-कश्मीर में रविवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। बिहार से आए हिंदू मजदूर होटल में ठहरे थे, जब मुस्लिम आतंकियों ने वहाँ धावा बोल दिया। आतंकी मजदूरों से जबरन कलमा पढ़वाते रहे और जो नहीं पढ़ पाया, उसे पहचान कर गोली मार दी। इस हमले में बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले शैलेष कुमार और मुकेश सिंह की मौत हो गई। वे अपने एक साथी का जन्मदिन मनाने के लिए होटल में एकत्र हुए थे। हमला इतनी बर्बरता से हुआ कि इलाके में चीख-पुकार मच गई। इस घटना ने एक बार फिर कश्मीर में बाहरी मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पहचान के लिए कलमा पढ़वाया, हिंदू मजदूरों को बनाया निशाना

सूत्रों के अनुसार, रात करीब 11 बजे दो से तीन आतंकवादी होटल में दाखिल हुए। सबसे पहले उन्होंने होटल में ठहरे सभी मजदूरों को इकट्ठा किया और उनसे कलमा पढ़ने के लिए कहा। जो मजदूर कलमा पढ़ पाया, उसे छोड़ दिया गया, लेकिन जो नहीं पढ़ पाया, उसकी पहचान हिंदू के रूप में कर ली गई। इसके बाद आतंकियों ने नजदीक से गोलियाँ दागनी शुरू कर दीं। शैलेष और मुकेश को सिर और सीने में कई गोलियाँ मारी गईं, जिससे उनकी मौके पर ही हालत गंभीर हो गई।

जन्मदिन के जश्न के बीच टूटा मौत का कहर

हमले के समय होटल में जन्मदिन का जश्न मनाया जा रहा था। शैलेष कुमार के साथी मजदूरों ने बताया कि उन्होंने केक काटा था और गाने बज रहे थे। तभी अचानक आतंकियों ने दरवाजा तोड़कर हमला किया। आतंकवादियों की नजर खासतौर पर हिंदू मजदूरों पर थी। कई मजदूर जैसे-तैसे भाग निकले लेकिन शैलेष और मुकेश आतंकियों के निशाने पर आ गए। घायल अवस्था में दोनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पत्नी की आँखों के सामने पति को मारी गोलियाँ, दर्दनाक बयान

शैलेष कुमार की पत्नी भी इस हमले की चश्मदीद गवाह हैं। उन्होंने बिलखते हुए बताया कि आतंकी होटल में घुसे तो वे शैलेष के साथ ही थीं। गोलियों की आवाज सुनते ही वह शैलेष को बचाने के लिए चीखीं, लेकिन आतंकी ने नजदीक से उनके पति पर कई गोलियाँ चला दीं। वह किसी तरह जान बचाकर होटल के पिछले दरवाजे से भागीं। उन्होंने कहा, “मैं कुछ नहीं कर सकी, मेरे सामने मेरे पति को मार दिया गया।”

सेना की नाक के नीचे हमला, स्थानीय लोगों में गुस्सा

होटल जिस इलाके में स्थित है, वहाँ से महज कुछ सौ मीटर की दूरी पर सेना और पुलिस की चेकपोस्ट है। इसके बावजूद आतंकी बेरोकटोक होटल में घुसे, हमला किया और फरार भी हो गए। स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों की नाकामी पर नाराजगी जताई है। शैलेष और मुकेश के परिवार वालों ने कहा कि अगर समय पर मदद पहुँचती, तो शायद दोनों की जान बच सकती थी। सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी सुरक्षा के बीच आतंकी इतनी आसानी से हमला कैसे कर पाए।

वीडियो बनाकर फैलाई दहशत, पूरे इलाके में तलाशी अभियान

खुफिया एजेंसियों के अनुसार, आतंकवादियों ने पूरे हमले का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल भी किया। इस वीडियो में हमलावरों को मजदूरों से कलमा पढ़वाते और फिर गोलियाँ चलाते देखा जा सकता है। हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अभी तक किसी भी आतंकी के पकड़े जाने की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस ने संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं और होटल के सभी स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है।

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