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कुलगाम: अमित ठाकुर शहीद, बेटा खिलौने से खेल रहा था, पापा जान से खेल गए

जम्मू-कश्मीर : अमन ठाकुर कुलगाम में हुए आतंकियों से मुठभेड़ में देश के लिए कुर्बान हो गए हैं और अब अपने पीछे छोड़ गए हैं हँसता खेलता परिवार |

अपनों नहीं बल्कि स्थानीय लोगों के चहेते थे अमित :

कुलगाम में रविवार को मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) शहीद हो गए और वो शहीद होने वाले लाल हैं अमित ठाकुर | हालांकि इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 3 दहशतगर्दों को भी उनके असली मुकाम मौत के घाट उतार दिया है |

शहीद अमन ठाकुर के घर में उनके एक 6 साल का बेटा है, पत्नी और बूढ़े माँ-बाप हैं | अमन ठाकुर अपनी सादगी और वीरता के लिए जाने जाते थे | दूसरों की मदद करने के स्वभाव के कारण बहुत कम समय में उन्होंने अपने क्षेत्र में स्थानीय लोगों का प्यार, सम्मान और प्रशंसा बटोरी थी |

पिछले महीने मिला DGP का कमेंडेशन मेडल :

इससे पहले भी शहीद अमन ठाकुर कुलगाम में कई आतंकियों को ढेर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके थे |कुलगाम में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में जम्मू कश्मीर पुलिस सेवा के 2011 बैच के अधिकारी और जम्मू के डोडा क्षेत्र के निवासी ठाकुर पुलिस दल की अगुवाई कर रहे थे |

ठाकुर दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र कुलगाम में पुलिस उपाधीक्षक (अभियान) थे | उन्होंने इलाके में आतंक विरोधी अभियानों का पूरी सफलतापूर्वक से निर्बाह किया था |

अमित ठाकुर को अनुकरणीय सेवा के लिए पिछले महीने ही DGP का कमेंडेशन मेडल और सर्टिफिकेट दिया गया था |

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