SC-ST एक्ट के अंतर्गत सिर्फ़ तीन सालों में ही 27.8 हज़ार केस फ़र्जी निकल गए : NCRB डाटा

नईदिल्ली : NCRB की रिपोर्ट के अनुसार एट्रोसिटी एक्ट में 27.8 हजार से अधिक  केस 2015,14 और 13 में फ़र्जी पाए गए हैं |

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो एक सरकारी और आधिकारिक संस्था है जोकि देश में अपराधों का अध्ययन करती है और फिर समय समय पर रिपोर्ट जारी करती है |

अभी हाल ही में तमिलनाडु से एक दर्दनाक घटना आई जिसमें अंग्रेजी अख़बार द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार SCST एक्ट में सिर्फ़ मुआवजे के लिए परिजनों नें बेटी को जिंदा जला दिया लेकिन लड़की का शव घर वालों नें लेने से मना कर दिया फिर सरकार नें आनन-फानन में पीड़िता के परिवार के तौर पर 4.5 लाख का मुआवजा दे दिया |



लेकिन इसमें पुलिस नें आगे जाँच की तो पता चला कि लड़की किसी सवर्ण जाति के लड़के से प्रेम करती थी और लड़की के रिश्तेदारों को यह नागवार गुजरा और उन्होंने लड़की को जिन्दा जला दिया | और आरोप प्रेमी लड़के पर थोप दिया गया, SC-ST के तहत झूठा केस बनवाने के लिए वकील को पैसे खिलाए गए और प्रदर्शन करने के लिए गाँव वालों में पैसे बांटे गए |

हालांकि यह पहला केस नहीं है इससे पहले भी नोयडा में आर्मी जनरल का केस, राजस्थान में भू माफिया के ख़िलाफ़ खबरें लिखने पर फर्जी केस, एमपी के सीधी में नर्स द्वारा SC-ST एक्ट से ब्लैकमेल करने के कारण आत्महत्या जैसे कई मामले आए हैं जिनसे पता चलता है कि जहां एक तरह दलित के साथ अत्याचार हुए हैं वहीं इसी की आड़ में तथाकथित सवर्ण जाति के लोगों पर उल्टा अत्याचार हुआ है |
इसके लिए हमनें इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के सहारे NCRB के एक डाटा का अध्ययन किया है जिसमें बेहद चौकाने वाले आँकड़े आए हैं |



एट्रोसिटी एक्ट के अंतर्गत साल 2015 में कम से कम 8900 ऐसे केस रहे हैं जो पूरी तरह से फ़र्जी पाए गए हैं | इसमें आधे से अधिक राजस्थान, 1099 केस के साथ आंध्रप्रदेश दूसरे व 664 केस के साथ बिहार तीसरे स्थान पर रहा |

FE: NCRB DATA 2015

वहीं तेलंगाना में 477, यूपी में 400 केस फर्जी पाए गए हैं | इसके अलावा 2014 में 9704 केस और 2013 में 9253 केस SC-ST एक्ट के अंतर्गत फ़र्जी पाए गए हैं | कुलमिलाकर सिर्फ़ 2015, 2014 और 2013 में 27857 केस एट्रोसिटी एक्ट के तहत गलत साबित हुए हैं |

{आधी सच आधी झूठ खबरों से अलग यदि पाना है तर्क व तथ्यों वाली खबर तो फलाना दिखाना को अपने मोबाइल में सब्स्क्राइब करें और हमारे फेसबुक/ट्विटर/इन्स्टाग्राम पेज @FALANA DIKHANA को लाइक, फालों व शेयर करें, धन्यवाद}

 

+ posts

2 Comments

    • लगता है एक जाति विषेस की बात जंहा आती वँहा मोदी जी की भी आंखों में कचरा आ जाता है जब आज यह स्थिति है तो कल क्या होगा

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

सुप्रीमकोर्ट की 50% की सीलिंग तोड़ 27% OBC आरक्षण देने वाला MP देश का पहला राज्य

Next Story

पर्यावरण दिवस: जो ‘Don’t Cut Trees’ के पोस्टर पेड़ नहीं बचा पाए वो बुजुर्गों के टोटके कर देते थे

Latest from देश विदेश - क्राइम

कर्नाटक हाईकोर्ट ने SC-ST एक्ट मामले में 99 को दी जमानत, चार झोपड़ी जलाने के आरोप में मिली थी आजीवन कारावास

कर्नाटक: हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच ने बुधवार को कोप्पल जिले के गंगावती तालुक के मरकुंबी गांव…