परीक्षा-भर्तियों में गरीब सवर्णों को भी उम्र सीमा में छूट देगी मोदी सरकार..!

नईदिल्ली : मोदी सरकार गरीब सवर्णों को भी नियुक्तियों में छूट देकर अलग अलग वर्गों की अधिकतम उम्रसीमा को समान करेगी, सहकारिता मंत्रालय नें मामले में पत्र भी लिख दिया है |

आपको बता दें कि UPSC जैसी परीक्षाओं में SC/ST के लिए अधिकतम उम्र सीमा 37 साल है, OBC के लिए ये 35 साल है लेकिन सामान्य वर्ग यानि जनरल के लिए 32 साल ही थी | उधर इस बारे में लगातार कई सामाजिक संगठनों व कोर्ट में याचिकाओं और सरकार को पत्रों के माध्यम से माँग की जा रही थी कि आरक्षण के बाद भी सभी वर्गों के लिए समान उम्र सीमा क्यों नहीं की जा रही है | ऐसी ही एक मांग जून में JDU संसदीय दल के नेता व राज्यसभा सांसद श्री रामचंद्र प्रसाद सिंह नें उठाई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि “जब आरक्षण की व्यवस्था सभी वर्गों के लिए है तो परीक्षाओं में अलग-अलग उम्र सीमा को खत्म करके सबके लिए सामान कर देनी चाहिए ताकि किसी समाज के युवाओं के लिए उन्हें ऐसे भावनाएं न उत्पन्न हों कि वो इस समाज से है इसलिए उसे इतने मौके ही मिलेंगे |”

हिंदुस्तान अख़बार की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य वर्ग के गरीब अभ्यर्थियों के लिए केंद्र की मोदी सरकार नियुक्तियों में उन्हें भी ओबीसी की तरह अधिकतम उम्र सीमा में छूट देने की तैयारी कर रही है |

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) को पत्र लिखकर इस बारे में अनुरोध किया है | केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलोत की ओर से केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ जीतेंद्र सिंह को लिखे गए इस पत्र में कहा गया कि अलग-अलग लोगों के प्रतिवेदन मिले जिसमें EWS आर्थिक रूप से गरीब श्रेणी के लिए सरकारी नियुक्तियों में उम्र सीमा में छूट देने के लिए मांग की गई है | अनारक्षित वर्गों एससी/एसटी और ओबीसी को भी छूट दी जाती है इसलिए सभी संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देश जारी किया जाए |

अंको में छूट पर भी विचार प्रतियोगी परीक्षा में आरक्षित श्रेणी को अंको में भी कुछ छूट दी जाती है लेकिन आर्थिक आरक्षण के भर्ती के लिए ऐसा प्रावधान नहीं है | सामाजिक न्याय एवं सहकारिता विभाग मंत्रालय ने भी अभी उम्र का मामला उठाया लेकिन माना जा रहा है कि अंकों में छूट पर भी कार्मिक मंत्रालय विचार कर सकते क्योंकि दूसरी श्रेणियों में ऐसी व्यवस्था है |

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