आरक्षण पे बोले पासवान- विचार करने की कोई जरूरत नहीं, हो गए ट्रोल

नईदिल्ली : रामविलास पासवान को आरक्षण पर सोशल मीडिया में ट्रोल किया जा रहा है और लोग प्रश्न दाग रहे हैं ।
देश की राजनीति में फ़िर से आरक्षण को लेकर बवाल मचा हुआ है । सोशल मीडिया पर आरक्षण के खिलाफ लोग काफ़ी सक्रिय हो चुके हैं और नेताओं को खूब खरी खोटी सुनाई जा रही है ।
आज दलित नेता व मंत्री रामविलास पासवान नें आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया ।
पासवान नें कहा कि “RSS के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी के आरक्षण संबंधी बयान को लेकर विपक्ष लोगों के मन में पुनः भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है, जो बिल्कुल निराधार है।
आरक्षण संवैधानिक अधिकार है और यह अधिकार महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर के बीच हुए पूना पैक्ट का नतीजा है।”
उन्होंने आरक्षण पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान का भी ज़िक्र किया बोले कि “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने बार बार कहा है कि दुनिया की कोई ताकत आरक्षण को खत्म नहीं कर सकती है।”
इसके बाद उन्होंने आरक्षण पर बहस को भी पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि “आरक्षण पर किसी तरह का कोई विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। विपक्ष ने लोकसभा के चुनाव में भी आरक्षण को मुद्दा बनाने की कोशिश की थी लेकिन उसका परिणाम उल्टा निकला।”
इसके बाद उन्होंने सभी जातियों को आरक्षण मिलने की बात उउठाई और बोले “आरक्षण पहले अनुसूचित जाति, जन जाति और पिछड़ी जातियों के लिए ही था। अब नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने ऊँची जाति के गरीबों को भी आरक्षण देने का काम किया है। इसलिए आरक्षण पर अब कोई विवाद नहीं है और न ही इस पर विचार करने की कोई आवश्यकता है।”
हालांकि उनके आरक्षण वाले बयान से यूजर्स नें ख़ूब ट्रोल किया और पूछा कि उन्हें कब तक आरक्षण की चाहिए ?
80% लोगों ने कहा कि आरक्षण को ख़त्म नहीं करने के बजाय उसमें बदलाव करने की जरूरत है ताकि यह वास्तविक लोगों को मिले न कि संपन्न को !
साथ ही लोगों ने कहा कि आपके बच्चों को आरक्षण की क्या जरुरत है क्या अभी भी पिछड़े हुए हैं ।
पासवान ने कहा कि आरक्षण संवैधानिक अधिकार है जिसे हटाया नहीं जा सकता तो यूजर्स नें धारा 370 का उदाहरण दे दिया बोले कि ठीक इसके जैसे ही आरक्षण अस्थायी व्यवस्था थी ।

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