आरक्षण पर विचार हो या ना हो,मगर चर्चा भी ना हो? ये तो गलत है..आरक्षण पर चर्चा कर समीक्षा होनी चाहिये कि जिस मकसद से आरक्षण दिया गया उसमें कितनी कामयाबी मिली है? अगर नहीं मिली है तो कौन लोग जिम्मेदार हैं? इसमें सामाजिक प्रतिष्ठा और आर्थिक स्थिति का खाका भी होना चाहिये.@irvpaswan https://t.co/bRDDlQz1vb
— Chitra Tripathi (@chitraaum) August 20, 2019
इसके बाद पासवान ने कहा कि “आरक्षण संवैधानिक अधिकार है और यह अधिकार महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर के बीच हुए पूना पैक्ट का नतीजा है।
आरक्षण खत्म मत कीजिये,मगर देश की प्रतिभा के साथ खिलवाड़ भी मत करें.जो गरीब हैं,हर तरह की छूआछूत का शिकार वही है-वो हिंदू-मुसलमान कोई भी हो सकता है.बाबा साहब ने आरक्षण की समय सीमा निर्धारित की थी.उन्हें पता नहीं होगा कि राजनीति की बलि चढ़ने लगेगा उनका फैसला @irvpaswan @RSSorg https://t.co/sOLGJPCT0J
— Chitra Tripathi (@chitraaum) August 20, 2019