पणजी: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को गोवा राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने को गौरव का विषय बताया।
कोविंद गोवा मुक्ति दिवस समारोह में भाग ले रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि “गोवा की मुक्ति का संघर्ष केवल नागरिक स्वतंत्रता के लिए नहीं था। वह, भारत के साथ फिर से एकाकार होने की चिर-संचित अभिलाषा की पूर्ति का संघर्ष भी था। महात्मा गांधी कहा करते थे कि कश्मीर या किसी अन्य राज्य की तरह गोवा भी भारत का अंग है। भारत की एकता और अखंडता पर उन्हें अटूट विश्वास था। गांधीजी की तरह, डॉक्टर लोहिया का भी यही मानना था कि गोमांतक क्षेत्र भारत का हिस्सा है।”
“19 दिसंबर, 1961 का दिन, गोवा और भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। इस अवसर को अविस्मरणीय बनाने के लिए गोवा सरकार के विशेष प्रयासों की मैं सराहना करता हूं। एक वर्ष तक चलने वाले इन समारोहों की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं।”
“शिक्षा के क्षेत्र में भी गोवा ने अच्छी प्रगति की है। एनआईटी और आईआईटी को मिलाकर यहां आठ इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। यहां के प्रतिभाशाली युवाओं और इंटरनेट सेवाओं के योजनाबद्ध विस्तार को देखते हुए, गोवा अब इन्फोटेक कंपनियों का विकास केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। राज्य वित्तपोषित स्वास्थ्य बीमा योजना और सार्वजनिक स्वास्थ्य के मजबूत बुनियादी ढांचे के कारण, महामारी के दौरान, गोवा की सरकार, लोगों की समुचित देखभाल करने में सक्षम रही है।”
“आज, गोवा जब अपनी आज़ादी के 60वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है तो यह देखकर गर्व होता है कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में यह राज्य पहले स्थान पर है। इसका श्रेय गोवा के मेहनती लोगों, जन-प्रतिनिधियों, जन-सेवकों तथा उद्योग क्षेत्र को जाता है। यह उपलब्धि, कठिन प्रयासों के बल पर प्राप्त हुई है और इसमें वर्तमान एवं पूर्ववर्ती सरकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।”
“गोवा के हमारे भाइयों-बहनों ने लोकतांत्रिक व्यवस्था और सुशासन को मजबूत करने के साथ-साथ सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखा है। जनता की सक्रिय भागीदारी वाला यह अनूठा मॉडल, गोवा के लोगों की प्रगतिशील सोच का उत्कृष्ट उदाहरण है। गोवा के लिए यह गौरव का विषय है कि यहां के लोगों ने, समान नागरिक संहिता को अपनाया है। ऐसा करने से, यहां की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा मिला है।”
“गोवा की 160 किलोमीटर लंबी तट-रेखा पर, दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत समुद्र–तट मौजूद हैं। गोवा की प्राकृतिक सुषमा अनूठी है और यहां के लोग ‘अतिथिदेवो भव’ की परंपरा के सच्चे प्रतिनिधि हैं। गोवा को मुक्त कराने के लिए सभी समुदाय और संगठन औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ मिलकर लड़े। आजाद गोमांतक दल, गोवा विमोचन समिति, गोवा मुक्ति सेना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एकजुट हो गए।”
“आप सभी के पूर्वजों ने, आज़ादी की मशाल को बुझने नहीं दिया। इसे जलाए रखने के लिए, अनेक स्वाधीनता सेनानियों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया। आज के इस अवसर पर, मैं आप सभी के पूर्वजों के त्याग और बलिदान का स्मरण करता हूं और उन्हें शत-शत नमन करता हूं।”