मध्यप्रदेश- ग्वालियर के बिलौआ थाना क्षेत्र में सरकार द्वारा गौशाला के लिए आबंटित की गई जमीन पर रातों रात भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाकर कब्जा करने का मामला सामने आया है, जिसके बाद पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर गौशाला की जमीन से मूर्ति को हटा दिया हैं।
वहीं ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह का साफ कहना है कि महापुरुषों के नाम पर सरकारी जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जानिए क्या है मामला?
दरअसल ग्वालियर के बिलौआ में सरकार द्वारा गौशाला के लिए जमीन आबंटित की गई थी, जिसका भूमि पूजन करने के लिए डबरा से पूर्व विधायक और वर्तमान में लघु उधोग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी बिलौआ पहुंची थी।
लेकिन कुछ लोगों द्वारा भूमि पूजन से ठीक पहले रातों रात उस जगह पर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी गई और जमीन को भीमराव अंबेडकर के नाम आबंटित करने की मांग करने लगे। इतना ही नहीं गौशाला के भूमि पूजन करने पहुंची इमरती देवी का भीम आर्मी के कुछ कार्यकर्ता विरोध करने लगे, जिसके बाद स्थानीय महिलाओं से उनकी बहस भी हो गई।
जिसके बाद उन्होंने कहा कि भीमराव अंबेडकर के नाम पर कुछ लोगों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सरकार द्वारा जमीन गौशाला के लिए आबंटित की गई थी और वहां गौशाला ही बनाई जाएगी।
आपको बता दे कि इससे पहले इमरती देवी बीते दिनों जाटव महापंचायत में शामिल होने के लिए भितरवार भी पहुंची थी। जहां वह लोगों को उकसाते हुए कहती हुई नजर आ रही थी कि जिस जमीन पर बाबा साहब की मूर्ति लग गई, वह जमीन हमारी हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.