पटना: बिहार के बेउर जेल में बंद एससी एसटी एक्ट के एक आरोपी ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। 35 साल का मृतक गौरी यादव बाढ़ के दिलिशमनचक गांव का रहने वाला था जहां उसे पुरे परिवार सहित एक दलित की हत्या व एससी एसटी एक्ट के तहत आरोपी बनाया गया था।
नामजद होने से परेशान गौरी डिप्रेशन में रहा करता था। गौरी यादव के साथ हत्या के आरोप में गौरी का भाई दिलीप यादव व उसके परिजन गीगल यादव, त्रिलोकी यादव, डब्लू यादव व सतीश बेउर जेल में ही बंद हैं।
जानकारी के मुताबिक पुरे परिवार को जेल में बंद देख गौरी काफी परेशान रहने लगा था व चार महीनो से उन्हें एससी एसटी एक्ट के कारण बेल भी नहीं मिल पा रही थी।
जिसके बाद तंग आकर गौरी ने शौचालय में जाकर अचानक फंदा लगा लिया। जहां से उसे पीएमसीएच (PMCH) ले जाया गया। वहीं अस्पताल में गौरी को मृत घोषित कर दिया गया।
जेल प्रशासन के मुताबिक बेउर जेल के कॉमन शौचालय में गौरी ने फ़ासी लगाई थी जिसे आमतौर पर कैदी बेहद कम प्रयोग में लाते है।
वहीं काफी देर तक दरवाजा न खुलने पर कैदियों को शक हुआ तो उन्होंने इसकी सुचना प्रशासन को दी जिन्होंने गेट खोला तो गौरी फंदे में लटका मिला था।
बेउर जेल अधीक्षक जवाहर लाल प्रभाकर ने भी खबर पर ठप्पा लगाते हुए बताया कि गौरी की मौत हो गई है. कैदियों ने मुझे बताया कि वह डिप्रेशन में था।
आपको बता दे कि एससी एसटी एक्ट में इससे पहले उत्तर प्रदेश स्थित श्रावस्ती के गिलौली थाने में एससी एसटी एक्ट में गिरफ्तार एक युवक ने भी आत्म हत्या कर ली थी जिसके कारण कई पुलिस कर्मियों को तत्काल निलंबित कर केस दर्ज किया गया था।
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