नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम सुनवाई के दौरान आर्य समाज के शादियों के प्रमाण पत्र को अवैध करार दे दिया। उच्च न्यायलय ने अपहरण और नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका पर विचार करते हुए आर्य समाज की ओर से जारी एक विवाह प्रमाणपत्र को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
क्या था मामला
दरअसल मध्य प्रदेश के एक दुष्कर्म के आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी जिसमे उसने लड़की से प्रेम विवाह किये जाने पर आर्य समाज का प्रमाण पत्र दिखाया था। आरोपी का कहना था कि उसने लड़की के साथ आर्य समाज में शादी की थी। हालाँकि लड़की नाबालिग बताई जा रही है जिसने अपने बयान में आरोपी द्वारा जबरन दुष्कर्म की बात कही है।
आपको बता दे कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366ए, 384, 376(2)(एन), 384 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5(एल)/6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
शिकायतकर्ता लड़की की ओर से पेश अधिवक्ता ऋषि मटोलिया ‘कैविएट याचिका’ के मद्देनजर पेश हुए और कहा कि लड़की ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए अपने बयान में आरोपी के खिलाफ बलात्कार के विशिष्ट आरोप लगाए हैं।
ज्ञात होकि 5 मई को राजस्थान हाई कोर्ट से भी आरोपी की जमानत याचिका ख़ारिज हो चुकी है।