खानपारा: असम सरकार प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चों की नीति लाने की तैयारी में है जिसके लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा आज एक संवाद सत्र, ‘आलाप अरु आलोचना’ अल्पसंख्यक समुदाय के बौद्धिक और अग्रणी व्यक्तियों के साथ 4 जुलाई, (रविवार) को असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज, खानपारा, हॉल नं. 308 में दोपहर 2:00 बजे आयोजित की गई।
चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि चर्चा असम की स्वदेशी मुस्लिम आबादी को प्रभावित करने वाले सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित थी।
यह चर्चा अल्पसंख्यक और विकास विभाग के कल्याण मंत्री चंद्र मोहन पटवारी, शिक्षा मंत्री रनोज पेगु, विधायक और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव जयंत मल्ल बरुआ की उपस्थिति में आयोजित की गई थी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रचनात्मक प्रयास सुनिश्चित करने के लिए, समुदाय के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, जनसंख्या स्थिरीकरण, कौशल विकास, सांस्कृतिक पहचान, वित्तीय समावेशन, महिला सशक्तिकरण आदि जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए स्वदेशी मुस्लिमों के प्रतिनिधियों के साथ 8 उप-समूह बनाए जाएंगे।
समुदाय से एक अध्यक्ष और प्रत्येक उप-समूह में सरकार से एक सदस्य सचिव 3 महीने के भीतर अपने सौंपे गए मामलों पर सिफारिशें लेकर आएंगे। इसके बाद, सरकार स्वदेशी मुस्लिम समुदाय के सशक्तिकरण के लिए एक रोडमैप तैयार करेगी और इसे अगले 5 वर्षों में लागू करेगी।
गौरतलब है कि बैठक के पहले आज मुख्यमंत्री ने बताया था कि वो 150 मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिलने जा रहे हैं। पिछले 1 महीने के दौरान, उन्होंने अखिल असम अल्पसंख्यक छात्र संघ के दोनों गुटों से मुलाकात की और सभी ने कहा कि जनसंख्या एक समस्या है और हमें इसे हल करने की आवश्यकता है। असम में कोई विवाद नहीं।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि अब, अगर वे (बाहर के लोग) स्थिति की गंभीरता को नहीं समझते हैं और वे केवल इसलिए विवाद पैदा करते हैं क्योंकि बीजेपी सीएम ने ऐसा कहा है। यह कोई विवाद नहीं हो सकता। अगर कोई अल्पसंख्यक लोगों के बीच गरीबी और अशिक्षा को मिटाने की कोशिश कर रहा है तो लोगों को उसका स्वागत करना चाहिए।