मुरादनगर: शुक्रवार को शिवरात्रि पर गाजियाबाद के गंगनहर पर गंगाजल लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी थी जिसेेे पुलिस ने वापस लौटा दिया।
दरअसल गंगनहर पर गंगाजल लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी थी जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। शिवरात्रि पर पुलिस ने गंगनहर घाट पर स्नान करने पर और गंगाजल भरने पर रोक लगा दी। पुलिस ने बैरिकेड लगाकर से गंगाजल भरने आए श्रद्धालुओं को लौटाया। श्रद्धालुओं की पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई।
साथ ही पुलिस ने घाट पर बैरिकेड भी लगा दिया। वहीं इस मामले पर सीओ सदर केएन पांडे का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण गंगनहर पर स्नान करने पर पाबंदी लगाई। गंगाजल लेने से किसी को नहीं रोका गया।
अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ गंगनहर पर तैनात पुलिस बल ने सख्ती करते हुए श्रद्धालुओं को घाट पर स्नान करना तो दूर, गंगाजल तक नहीं भरने दिया। इसके चलते पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच नोकझोंक भी हुई। गंगाजल भरने पर पाबंदी के चलते दिल्ली, नोएड़ा, गुरुग्राम, मेरठ, गाजियाबाद, मोदीनगर, बागपत, हरियाणा, सोनीपत आदि स्थानों से आए श्रद्धालु को मायूस होकर लौटना पड़ा।
गंगनहर प्राचीन शनि मंदिर के महंत मुकेश गोस्वामी का आरोप है कि पुलिस ने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ अभद्रता की। रोजाना मंदिर पर रहने व पूजा आरती करने के बावजूद कई बार अपना परिचय दिया, इसके बाद मंदिर पर जाने दिया गया। बताया कि हरिद्वार से गंगा से निकली ऊपरी गंगनहर मुरादनगर से होते हुए बह रही है। प्रशासन ने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए घाट को विकसित करा रखा है, जिससे आने वाले श्रद्धालु घाट पर स्नान कर सकें।
कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के खतरे के दृष्टिगत इस वर्ष कावंड़ यात्रा को प्रतिबंधित किया गया है। इससे पहले हरिद्वार में हरकी पैडी पर कांवडियों के वेश में प्रवेश करने वाले 14 कावड़ियों को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
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