उन्नाव केस: फ़र्जी खबर पर UP पुलिस ने FIR की तो भीम सेना ने CM योगी व पुलिस पर ही Sc-St में कराई FIR

गुरुग्राम: उन्नाव केस में फ़र्जी खबर फैलाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सोशल मीडिया अकाउंट पर FIR के बाद भीम सेना ने उल्टा उत्तर प्रदेश के मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ समेत पुलिस अधिकारियों पर एट्रोसिटी एक्ट में FIR कराई है।

गौरतलब है कि भीम सेना नामक दलित संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उन्नाव के पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, डीएसपी सिटी, थाना कोतवाली सदर प्रभारी पर गुरुग्राम में एससी/ एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत दर्ज कराने के बाद भीम सेना अध्यक्ष सतपाल तंवर ने कहा आप कानून का दुरूपयोग करो साहब,हम कानून का सदुपयोग करेंगे. क्योंकि हम हैं कानून रक्षक, संविधान रक्षक भीम सैनिक उन्नाव में हमारे खिलाफ दर्ज झूठे केस पर आपके ऊपर भी तैयार FIR।

तंवर ने ये भी कहा कि योगी सरकार ने हमारे उपर सिर्फ इसलिए मुकदमे दर्ज किये है कि हम पीड़ित परिवार की मदद के लिए उन्नाव गए।

https://twitter.com/BhimSenaChief/status/1363597320181325824?s=19

उन्नाव केस के बाद बरखा दत्त (मोजो) समेत 8 पर FIR:

ज्ञात हो कि 21 फरवरी को, उन्नाव पुलिस ने तीन दलित लड़कियों के जहर पिलाने के बारे में फर्जी ख़बरें फैलाने के लिए आठ ट्विटर अकाउंट पर एफआईआर दर्ज की थी जहां दो लड़कियों की मौत हो गई, जबकि तीसरा अस्पताल में भर्ती है।

प्राथमिकी में कहा गया है कि उल्लिखित ट्विटर हैंडल ने झूठी जानकारी फैलाई थी कि लड़कियों का बलात्कार किया गया था, जिसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नकार दिया गया था। इन हैंडल ने फ़र्जी सूचनाओं को और फैला दिया जो उन्नाव पुलिस ने परिवार की सहमति के बिना दोनों मृतक लड़कियों का अंतिम संस्कार किया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट को नजरअंदाज किया:

भारतीय दंड संहिता की धारा 153 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 के तहत द मोजो स्टोरी (बरखा दत्त का न्यूज प्लेटफार्म ), भीम सेना प्रमुख सतपाल तंवर समेत 8 ट्विटर अकाउंट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

एफआईआर में कहा गया है कि इन सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा आम लोगों में गुस्सा पैदा करने के लिए गलत, भ्रामक जानकारी फैलाई गई। उन्होंने मामले के तथ्यों और पोस्टमार्टम रिपोर्टों को नजरअंदाज कर दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि लड़कियों का बलात्कार किया गया था और परिवार के सदस्यों की सहमति के बिना उनका अंतिम संस्कार किया गया था, जो सच नहीं है।


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