पटना: बिहार की नीतीश कुमार अगुवाई वाली एनडीए सरकार के एक फैसले से राज्य के सुन्नी मुसलमानो में खुशी का माहौल है।
दरअसल राज्य के सुन्नी वफ्फ बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत 1057 मस्जिदों के नमाज पढ़ने वाले पेश इमामों और अजान करने वाले मोआजिन्नो को मानदेय देने का मसौदा स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड ने तैयार किया है। इस संबंध में 6 मार्च को होने वाली बैठक में अंतिम और अधिकारिक घोषणा की जाएगी।
आपको बता दे बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद इरसादुल्लह, सीईओ खुर्शीद सिद्दीकी ने बोर्ड के निदेशक एए फैजी और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की सचिव ने समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया। जिसके अन्तर्गत पेश इमाम को 15000 रुपए और मोआज्जिन को 10000 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे।
इससे पहले बिहार स्टेट शिया वफ्फ बोर्ड भी मस्जिदों के पेश इमाम और मोआज्जीन को क्रमशः 4000 रुपए और 3000 रुपए मानदेय देता है,जिसके अन्तर्गत राज्य की 105 मस्जिद चयनित है।
इन योजना के अन्तर्गत बिहार के 1057 मस्जिदों के सुन्नी पेश इमाम और मोआज्जिन्न को लाभ मिलेगा। इससे पहले इन कर्मचारियों को मानदेय स्थानीय मस्जिद ही देती थी,जो कि लोगो से चंदे के रूप में इकट्ठे किय जाते थे।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद इरशादूल्लह ने कहा कि इस मिलने वाले मानदेय से कर्मचारियों का भला हो जाएगा। उनके अनुसार ये कर्मचारी स्थानीय बच्चो को तालीम भी देते है।