चंदौली: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के विधायक शारदा प्रसाद के खिलाफ दो पत्रकारों को रिपोर्टिंग करना भारी पड़ गया है। वीडियो के वायरल होने के बाद विधायक ने दोनों पत्रकारों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया। जिसपर त्वरित कार्यवाई कर पुलिस ने एक पत्रकार कार्तिक पांडेय को जेल भेज दिया है।
दरअसल चंदौली जिले के चकिया विधानसभा से विधायक शारदा प्रसाद को लोकल न्यूज़ पोर्टल पूर्वांचल टाइम्स/ वी सी खबर पर चलाई गई खबर इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने पत्रकारों पर ही मुकदमा दर्ज करवा दिया। न्यूज़ पोर्टल पर चकिया के वनवासियों को लेकर एक खबर प्रकाशित की गई थी। जिसमें कुछ मजदूरों ने आरोप लगाया था कि उनसे काम करा लिया गया और उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया। यह खबर विधायक जी को बिलकुल पसंद नहीं आई। उन्होंने पहले तो पत्रकारों को पुलिस से उठवा लिया और फिर उन पर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया। चकिया कोतवाली पुलिस ने पत्रकार कार्तिकेय पांडे और रोहित तिवारी के खिलाफ 24 अगस्त को मुकदमा दर्ज कर लिया व उसी दिन एक पत्रकार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
विधायक ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि पत्रकार रोहित तिवारी और कार्तिक पांडेय ने उनके खिलाफ मजदूरों को मजदूरी ना देने के संबंध में खबर चलाई थी। जिस पर विधायक के कार्यकर्ताओं ने पत्रकार से वार्ता की तो पत्रकार ने विधायक के लिए जातिसूचक शब्द का प्रयोग किया। समाचार में विधायक का रिव्यू लिए बिना उन्हे बदनाम किया गया।
वहीं महज खबर प्रकाशित करने पर चकिया कोतवाली में दो पत्रकारों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराने वाली बीजेपी विधायक के खिलाफ पत्रकार संगठन ने आंदोलन किया। पत्रकारों ने जिला मुख्यालय पर धरना देने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र सौंपकर न्याय की मांग की। पत्रकारों ने कहा कि चार सूत्री मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 28 अगस्त से बीजेपी दफ्तर के बाहर आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
23 वर्षीय युवा पत्रकार कार्तिकेय पांडे विधायक के द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद से सलाखों के पीछे हैं। यह पहला ऐसा मामला नहीं है कि जब खबर लिखने पर पत्रकार पर मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले भी ऐसे ही कई मामलों में पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।
पत्रकारों पर दर्ज किए गए झूठे मुकदमे का विरोध करते हुए चकिया बार एसोसिएशन ने भी एक दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया। जिसमें अधिवक्ताओं ने भी पत्रकारों का साथ देते हुए अपना विरोध जताया।
वही इस मामले में पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि या खुलेआम लोकतंत्र की हत्या होने जैसा मामला है। सत्ता पक्ष का विधायक पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएं, वह भी केवल खबर प्रकाशित होने पर यह निंदनीय है। सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण यादव ने कहा कि एक विधायक को इस तरह का काम नहीं करना चाहिए। एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग भी नहीं होना चाहिए।
विधायक एससी एसटी एक्ट से है पुराना नाता
आरक्षित सीट से चुनाव जीतकर विधान सभा पहुंचे विधायक शारदा प्रसाद कई बार विवादों में रहे है। इससे पहले वर्ष 2018 में एससी एसटी एक्ट के एक प्रश्न पर विधायक ने जनता को लताड़ते हुए उनसे वोट न देने की बात कह दी थी। जिससे जिले में उनका भारी विरोध भी हुआ था।
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Young Journalist covering Rural India, Investigation, Fact Check and Uttar Pradesh.