नई दिल्ली: बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद हरियाणा पुलिस में बतौर पुलिस उप अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया था।
चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने जुलाई 2015 को भारतीय मुक्केबाज विजेंद्र सिंह को नोटिस जारी किया था। साथ ही कोर्ट ने हरियाणा की खेल नीति पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि एक पुलिस उप अधीक्षक अंतरराष्ट्रीय कांट्रेक्ट कैसे साईन कर सकता है। विजेंद्र के द्वारा पेशेवर मुक्केबाजी के लिए किए गए करार के बाद हो रही उठापटक पर हाईकोर्ट से संज्ञान लेते हुए यह नोटिस जारी किया था।
वर्तमान में कांग्रेस नेता व बॉक्सर विजेंदर सिंह किसान आंदोलन को समर्थन देकर चर्चा में आ गए हैं। मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने खेल रत्न पुरस्कार लौटाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर सरकार काले कृषि कानून वापस नहीं लेती हैं तो वह अपना खेल रत्न पुरस्कार वापस कर देंगे। रविवार को विजेंद्र सिंह सिंघु बॉर्डर में किसान आंदोलन में शामिल होने पहुंचे थे।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भारतीय बॉक्सर विजेंद्र सिंह को 2008 में आयोजित बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद हरियाणा पुलिस में बतौर पुलिस उप अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया था। लेकिन साल 2015 में विजेंद्र सिंह ने प्रदेश सरकार और पुलिस विभाग की आज्ञा के बिना पेशेवर मुक्केबाज बनने के लिए एक अतंरराष्ट्रीय करार किया था।
विजेंद्र सिंह पुलिस विभाग में तब प्रोबेशन पीरियड पर है और जब तक उनकी ट्रेनिंग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे बिना सरकार की अनुमति लिए किसी प्रकार के अन्य रोजगार और पारिश्रमिक का उपभोग नहीं कर सकते हैं।