प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के कुछ पुलिसकर्मियों ने एक ब्राह्मण युवक को फ़र्जी आरोपी बनाकर पिटाई की थी जिसके लिए उन्हें लाइन हाजिर किया गया लेकिन पीड़ित परिवार की मांग है कि आज भी युवक के ऊपर से केस नहीं हटाया गया है।
दरअसल आरोप है कि प्रयागराज के चकिया धमौर गांव के एक व्यक्ति के साथ 30 सितंबर 2020 को हुई चोरी और छिनैती के आरोपियों को पकड़ने में असमर्थ होने पर बहेरिया थाने के दरोगा और इंस्पेक्टर ने बहेरिया थाने के अंतर्गत आने वाले गांव रामगढ़ कोठारी निवासी एक निर्दोष ब्रह्मण युवक आकाश शुक्ला पुत्र कृष्णकांत शुक्ला को 1 अक्टूबर 2020 शाम 6 बजे नहर से सिंचाई कर घर लौटते समय थप्पड़ मारकर जबरदस्ती गाड़ी में बैठा लिया।
इससे पहले कि युवक कुछ समझ पाता उसे उसके घर पे भी फोन करने नही दिया और उसका मोबाइल छीनकर रख लिया और ले जाकर लॉकअप में बंद कर दिया।
जबरदस्ती उससे छिनैती का गुनाह कबूल करने को कहा:
जब युवक ने कहा कि मैं निर्दोष हूं मुझे इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो तत्कालीन दरोगा प्रवीण यादव, धर्मेंद्र यादव और इंस्पेक्टर बच्चे लाल ने अपने दो कांस्टेबलों अभिषेक और चंद्रमा यादव के साथ 45 मिनट तक लगातार ब्राह्मण युवक को बेल्ट और डंडे से पिटते रहे जिससे युवक बेहोश हो गया। फिर होश में आने के बाद भी दोनों दरोगा इंस्पेक्टर और सिपाही मिलकर पीटने लगे और युवक को बोला कि जब तक तुम किसी का नाम नही बताओगे तब तक पीटेंगे या तो तुम खुद का नाम लेकर गुनाह कुबूल करो तभी छोड़ेंगे।
जब युवक ने कहा कि सर मैं इस घटना के बारे में जानता भी नहीं तो कैसे किसी का नाम लू तो दरोगा प्रवीण यादव और इंस्पेक्टर बच्चे लाल ने कहा कि गुनाह तो तुमसे ही कबूल करवाएंगे ऐसे नही तो दूसरे ढंग से। मानवता की सारी हदें लांघने के बाद भी जब निर्दोष युवक ने जुर्म कुबुलने से इनकार किया तो आईटीआई कर रहे ब्राह्मण नवयुवक को इतना पीटा कि उसके दाहिने हाथ की हड्डी टूट गई।
1 अक्टूबर 2020 से 3 अक्टूबर 2020 तक लगातार 3 दिन तक ब्राह्मण युवक को लॉकअप में बंद करके पिटते रहे दरोगा धर्मेंद्र यादव और इंस्पेक्टर बच्चे लाल। जब परेशान पिता बच्चे को ढूंढते हुए थाने पहुंचे और अपने बच्चे को लॉक अप में बंद करने का कारण पूछा तो दरोगा और इंस्पेक्टर दोनो ने पिता को गाली देकर थाने से भगा दिया। जिसके बाद असहाय पिता रोते हुए घर चला गया।
छोड़ने के लिए की 70 हजार रिश्वत की मांग नही देने पर जातिसूचक गाली देते हुए दर्ज किया झूठा छीनैती का मुकदमा:
युवक के पिता द्वारा काफी मिन्नते करने के बाद दरोगा और इंस्पेक्टर साहब ने युवक को छोड़ने के साथ 70 हजार रूपए रिश्वत की मांग रखी। जब युवक ने इतने पैसे का जुगाड़ न कर पाने की मजबूरी बताई तो युवक को जातिसूचक गाली देते हुए कहा कि कायदे से गुनाह कुबूल कर लो नहीं तो तुम्हे भीख मांगने लायक भी नहीं छोड़ेंगे और तुम्हारे मां बाप को सड़क पर भीख मांगने पर मजबूर कर देंगे। और उस पर चोरी और छिनैती का मुकदमा दर्ज कर उसे सेंट्रल जेल नैनी भेज दिया।
वादी खुद अपने साथ हुए लूट में ब्राह्मण युवक के शामिल न होने का दे चुका है हलफनामा:
वादी जिसके साथ लूटपाट की वारदात हुई उसने खुद ब्राह्मण युवक आकाश शुक्ला के शामिल न होने का हलफनामा दे चुका है, बावजूद इसके इंस्पेक्टर बच्चे लाल मानने को राजी नहीं हुआ और निर्दोष युवक को ब्राह्मण होने की वजह से जबर्दस्ती आरोपी बनाया। एसपी गंगापार भी इंस्पेक्टर बच्चे लाल की ही बात मानते हुए वादी की बात को दरकिनार कर दिया।
इकलौते बेटे को फर्जी मुकदमे में फंसता देख मां ने खोया मानसिक संतुलन चल रहा है इलाज:
अपने निर्दोष बेटे को छिनैती मुकदमे में फंसने से दुखी मां को इतना धक्का लगा कि उनका मानसिक संतुलन खो गया। पिता ने दरोगा साहब से अपने निर्दोष बेटे को छोड़ने के लिए काफी मिन्नते की लेकिन दरोगा साहब की दिल नही पिघला और एक नवयुवक के करियर को बर्बाद करते हुए उस पर झूठे मुकदमा का बोझ लाद दिया।
झूठे चोरी के आरोप में जेल जाने के बाद पढ़ाई छूटी और शादी भी टूट गई ब्राह्मण युवक की:
झूठे चोरी और छिनैती के आरोप में जेल कायर लौटने के बाद युवक कई दिन तक लाज और शर्म के कारण घर से बाहर नही निकला और धीरे धीरे अवसादग्रस्त हो गया जिसकी वजह से उसका अच्छा खासा करियर बरबाद हो गया। 11 दिसंबर 2020 को युवक की शादी तय थी मगर दोनो दरोगा धर्मेंद्र यादव, प्रवीण यादव और इंस्पेक्टर बच्चे लाल के घिनौने करतूत से युवक की शादी भी टूट गई।
वादी साथ लूट में शामिल तीन अन्य युवक पकड़े गए आकाश शुक्ला नही था शामिल:
वादी के साथ लूट में शामिल 3 अन्य आरोपी पकड़े गए जिसमे आकाश शुक्ला के लूट में शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले। फिर भी जातिगत पूर्वाग्रह से ग्रसित दरोगा धर्मेंद्र यादव, प्रवीण यादव, और इंस्पेक्टर बच्चे लाल यादव के खिलाफ युवक आकाश शुक्ला को जबर्दस्ती आरोपी बनाने के जुर्म में कोई कारवाई नहीं हुई और न ही युवक पर से फर्जी मुकदमा हटाया गया केवल लाइन हाजिर करके औपचारिकता पूरी कर ली गई।
न्याय के लिए दरोगा और इंस्पेक्टर खिलाफ शिकायत कर कर के थक चुका है युवक मगर कोई कारवाई नहीं:
निपराध युवक न्याय के लिए कई बार जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत कर चुका है। मगर अभी तक न तो उसके उपर से गलत एफआईआर हटाया गया और न ही युवक का कैरियर बर्बाद करने वालो दारोगा और इंस्पेक्टर के खिलाफ़ कोई कारवाई हुई।