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कांस्टेबल राघवेंद्र की होने वाली थी शादी तो जय श्री ने खोया अपना पति, अतीक से पीड़ित लोगों की दास्तां सुन दिल दहल जायेगा

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई गैंगस्टर अतीक अहमद (Atique Ahmad Death News) और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद प्रदेश में राजनेताओं की ओर से तमाम सवाल उठने लगे हैं। पुलिस कस्टडी में हुई खूंखार गैंगस्टर्स की मौत ने कई सवाल तो खड़े किए ही है लेकिन इनके द्वारा किए गए कुकर्मों को लेकर भी फिर से बहस छिड़ गयी है। उमेशपाल हत्याकांड में मारे गए सिपाही राघवेंद्र से लेकर 33 वर्षों से अतीक से लड़ रही सूरजकली की कहानियां सोशल मीडिया पर एक बार फिर से छा गई हैं। तो चलिए जानते हैं कि यह दो मामले क्यों चर्चा का विषय बन गए हैं।

33 सालों से लड़ रही, पति को खोया, बेटे को मारी गोली

गैंगस्टर की मौत से बेशक कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा हुआ है लेकिन यह खबर सूरजकली उर्फ़ जयश्री कुशवाहा जैसे तमाम पीड़ितों के लिए एक राहत भी है। अतीक के आतंक से 33 वर्षों से लड़ रहीं जयश्री की उम्र अब 60 वर्ष हो गई है। यूपी के प्रयागराज में धूमनगंज इलाके के झलवा की रहने वाली जयश्री के पति बृजमोहन कुशवाहा के पास 12 बीघा से अधिक जमीन थी। इस पर अमरुद और आम की बढ़िया खेती होती थी। परिवार का पालन-पोषण हो रहा था। लेकिन एक दिन अचानक सब कुछ बदल गया। जयश्री के पति गायब हो गए। जमीन पर अतीक का कब्जा हो गया। आज इन जमीनों पर बड़े-बड़े घर बन चुके हैं। यह जमीन झलवा इलाके में इंडियन आयल डिपो के ठीक सामने स्थित है।

जयश्री के अनुसार अतीक के अब्बू फिरोज के पास लाल रंग का एक ट्रैक्टर था। इस ट्रैक्टर से किसानों के खेतों की जुताई-बुवाई होती थी। यही ट्रैक्टर उनके खेत में भी चलता था। लेकिन उनकी जमीन देखकर अतीक के मन में लालच आ गया। अतीक का करीबी लेखपाल मानिकचंद श्रीवास्तव एक दिन जयश्री के पास आया और कहा कि उनकी जमीन शिवकोटी सहकारी आवास समिति के नाम पर दर्ज हो गई है। अतीक ने शिवकोटी सहकारी समिति बनाकर जयश्री की पूरी जमीन अपने नाम करवा ली थी। यही नहीं अतीक ने इसमें दो लोगों को सचिव बनाया और इस जमीन को बेचना शुरू कर दिया।

अचानक गायब हो गए पति

जमीन विवाद के साथ ही 1989 में एक दिन उनके पति अचानक से गायब हो गए। वह कहाँ गए किसी को पता नहीं। इसके कुछ दिनों बाद उन्हें पता चला कि जमीन अब उनकी नहीं रही। उस समय उनकी उम्र 29 वर्ष थी। अपनी जमीन वापस पाने के लिए उन्होंने कोर्ट में आपत्ति दाखिल कर दी। इस बीच उन्हें यह पता चल गया था कि जमीन हड़पने का पूरा खेल अतीक अहमद का था। जय श्री के अनुसार जब उनकी जमीन हड़पी गई, तब अतीक अहमद विधायक था। उसने उन्हें कई बार अपने कार्यालय में बुलाया। अतीक के बुलावे पर जब वह पहली बार गईं तो उसने कहा कि तुम्हारा पति मेरा बहुत खास था। अब नहीं रहा। इसलिए अब तुम्हारे परिवार जिम्मेदारी मेरी है। अपनी जमीन दे दो और घर में रहो। जयश्री ने इनकार किया तो अतीक भड़क गया। कहा कि जिस तरह तुम्हारे पति को गायब करवाया है, उसी तरह तुमको भी गायब करवा दूँगा। जय श्री भाई प्रह्लाद कुशवाहा की करेंट लगने से हुई मौत के लिए भी अतीक अहमद को जिम्मेदार ठहराती हैं।

सात बार हुआ हमला

जय श्री कुशवाहा पर बीते 33 सालों में उनपर 7 बार हमला हुआ है। अतीक के गुर्गों ने सैंकड़ों बार उन्हें धमकियाँ दीं। साल 2016 में उनके घर के सामने बेटे और परिवार पर हमला हुआ। इसमें उनके बेटे को गोली लगी थी। लेकिन बेटे की जान बच गई। साल 1991 में उन्हें अतीक के खिलाफ पहली FIR करवाने में कामयाबी हासिल हुई। लेकिन साल 2001 में आरोपों को निराधार बताकर केस बंद कर दिया गया। 2005 में जयश्री को बड़ी सफलता मिली। सीलिंग एक्ट से अनुमति नहीं मिलने के कारण शिवकोटी सहकारी आवास समिति का नामांतरण रद्द हो गया। इसके बाद जमीन उनके नाम पर दर्ज कर दी गई। साल 2007 में सूबे के सियासत में परिवर्तन हुआ। इसके बाद अतीक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ।

सिपाही राघवेंद्र की शादी होने वाली थी

उमेशपाल हत्याकांड में मारे गए पुलिसकर्मी राघवेंद्र सिंह की कुछ ही समय बाद शादी होने वाली थी। वह 24 फरवरी को जयंतीपुर में हुए उमेश पाल शूटआउट में शूटर्स की गोलियों का शिकार हो गए थे। अमेठी के रहने वाले राघवेंद्र की सगाई हो चुकी थी और 5 मई को शादी होनी थी। हालांकि अतीक के गुर्गों ने उमेश के साथ राघवेंद्र की भी गोली मारकर हत्या कर दी। राघवेंद्र के पिता भी पुलिस में थे। बीमारी के बाद उनका देहांत हो गया था। राघवेंद्र को अपने पिता की जगह अनुकम्पा के आधार पर नौकरी मिल थी। परिवार में मां, बहन और भाई हैं। वह परिवार में इकलौते कमाने वाले शख्स थे। जानकारी के अनुसार राघवेंद्र सिंह अपने विवाह के लिए 4 दिन के बाद 3 महीने की छुट्टी पर जाने वाले थे।


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