चंद्रशेखर के बाद दलित नेता विलास खरात बोले “साला Gaan*u भागवत, पेशाब में बह जाओगे”

नई दिल्ली: बीते दो दिनों में हमने दो दलित नेताओ द्वारा कैसे अभद्रता की सभी हदें लांघी जाती है इसका खुलासा सबके समक्ष किया था। हमारी रिसर्च टीम ने अपनी खोज में पाया था कि कैसे दोनों नेताओ ने गालियों की झड़ी लगाते हुए महिला व समाज के खिलाफ आग उगलनी शुरू की थी।

इसी कड़ी में एक और चर्चित दलित नेता पर हमारी खोजबीन में एक और चौकाने वाली बात निकल कर सामने आई है। ट्वीटर, फेसबुक पर लगातार आग उगलने वाले दलित नेता व दिल्ली स्थित डॉ बाबासाहेब आंबेडकर रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर प्रो विलास खरात सरेआम गालियां बक रहे है। चंद्रशेखर आज़ाद व प्रशांत कनोजिया के ट्वीटर अकाउंट पर किये खुलासे के बाद अगले दलित नेता विलास खरात भी इनसे दो कदम आगे ही नजर आये है।

इस दलित नेता की तरफ से इतनी अभद्र गाली दी जा रही है जिसे हम यहाँ सीधे लिख भी नहीं सकते है। एक बार नहीं बल्कि सैकड़ो बार हमने विलास को अभद्र गालियों का प्रयोग करते हुए पाया। गालियां बकने में दलित प्रोफ़ेसर साहब ने न महिला का लिहाज रखा न पुरुष का। उन्होंने एक यूजर को लिखा “तू साला gaan@u कॉमेंट कर रहा है।”


बात सिर्फ यहीं तक सिमित नहीं रही एक अन्य ट्वीट में इन्होने तो सामाजिक सभ्यता की सभी सीमाएं ही तोड़ डाली। विलास खरात ने आगे लिखा “अगर हम 85 प्रतिशत पेशाब करेंगे तो सीधा युरेशिया बह जाओगे!”

ऐसा दलित नेता अपने आप को जब प्रोफ़ेसर बुलाये तो समझिये यह अन्य सवर्ण छात्रों के साथ कैसा व्यव्हार करता होगा। विलास खरात का जहर उगलना सिर्फ आम लोगो तक सिमित नहीं रहता उन्होंने गालियों की झाडिया आरएसएस चीफ मोहन भागवत के लिए भी लगा डाली। उन्होंने भागवत के लिए लिखा “gaan@u भागवत और सभी ब्राम्हण विदेशी है।पांडये तू कब युरेशिया भाग रहा है?”

सरेआम गालियां बकने के बाद इन्होने महिलाओ को भी ऑनलाइन मोलेस्ट करने का प्रयास किया। विलास ने एक यूजर सपना को लिखा “सतीश मिश्रा के तलवे चाटने के कारण तुम्हारी बुद्धि ही खत्म हो गयी है। आपको बता दे कि विलास की कई अन्य गालियां हम यहाँ सेंसर करके भी नहीं लिखा सकते है।

विदेशी ब्राम्हण नाजायज के साथ साथ gaan@u भी है!
विलास खरात के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्यवाई करने से डर जाना हम समझ सकते है। चंद्रशेखर की तरह शायद यह भी बोल दें की इन्होने ट्वीटर किसी कार्यकर्ता से लिया था। इसलिए इनका एक ताज़ा ट्वीट भी हम आपके सामने रख रहे है।

Jun 11, 2020 को किये इस ट्वीट में विलास खरात एक समाज के लिए बेहद ही आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे है। अगर यहीं कार्य कोई आम आदमी किसी दलित समाज के लिए कर दें तो सोचिये उसके साथ क्या क्या नहीं हो जायेगा।

विलास खरात लिखते है “आरएसएस के विदेशी यूरेशियन ब्राम्हण यह मूलनिवासी बहुजनो में जागृति के कारण डरे हुए है।ब्राम्हण असली नाम से नही आते बल्कि आरएसएस के आईटी सेल के आरएसएस के ब्राम्हण झूठे नाम धारण करके आते है। इसका मतलब यह विदेशी ब्राम्हण नाजायज के साथ साथ gaan@u भी है!”

हम इनके कुछ अन्य कृत्यों के ट्वीट निचे चस्पा कर रहे है शायद यह ट्वीट खबर छपने के बाद विलास खरात डिलीट कर दें


अब सवाल यह उठता है कि क्या इन दलित नेताओ का कोई नेक्सस चल रहा है जो आये दिन बहन बेटियों व अन्य लोगो को ट्वीटर पर मोलेस्ट करते है। ऐसी गालियां सरेआम बकते हुए यह खुद को समाज का चिंतक बोल रहे है। वही प्रशासन व अन्य मीडिया भी इन पर कार्यवाई से बचता है। ऐसे में इन दलित नेताओ के रोज फुट रहे भांडे से तो यहीं प्रतीत होता है कि ऐसे नेता तो समाज में रहने के ही योग्य नहीं है। शायद भारत में दलितों को बरगलाने का खेल जो यह नेता खेल रहे है उसको रोकने में यह रिपोर्ट ही कारगर साबित हो जाये।


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