मंदसौर: सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण ख़त्म करने की याचिका डालने वाले दलित युवक ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपना जाति प्रमाण पत्र जलाया है।
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के रहने वाले दलित युवक विक्रम बागड़े ने 15 अगस्त को उन्हें प्राप्त अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जला दिया जिसकी तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया पर भी साझा की हैं।
विक्रम ने कहा कि मेरे लिए राष्ट्र और धर्म पहले है, मैं बिना आरक्षण के भी शिक्षा के मार्ग से अपने समाज के उथान का प्रयास करूंगा। बिना जातिप्रमान-पत्र के भी में अपना जीवन मेहनत और शिक्षा के जरिए आराम से गुजार लूंगा। आरक्षण बाद में, राष्ट्र और धर्म पहले।
बता दें कि मंदसौर जिले के रामपुरा गाँव से आने वाले दलित युवक विक्रम बागड़े साल बेहद चर्चा में रहे थे। इस दलित युवक ने आरक्षण के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर आरक्षण को समाप्त करने की मांग की थी।
विक्रम सिंह बागड़े नें आरक्षण का बड़े स्तर पर लाभ ले चुके नेता और अधिकारियों का शिक्षा और सरकारी नौकरियो में आरक्षण खत्म करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।
याचिका में जो देशहित में आगे आकर आरक्षण छोड़ना चाहते हैं उसके लिए विकल्प भी मांगा गया था। विक्रम द्वारा 25 जनवरी 2020 को इस सम्बंध में जनहित याचिका के लिए पत्र पिटीशन द्वारा आवेदन किया गया और 2 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे मंज़ूर कर लिया गया था।