दिल्ली हाईकोर्ट ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का किया समर्थन, कहा- केंद्र उठाए कदम

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को यह कहते हुए समान नागरिक संहिता (UCC) की आवश्यकता व्यक्त की कि भारतीय समाज धीरे-धीरे समरूप होता जा रहा है जबकि पारंपरिक बाधाएं धीरे-धीरे गायब हो रही हैं। 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की आवश्यकता का समर्थन करते हुए कहा कि “देश में एक कोड की आवश्यकता है।” कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में आवश्यक कदम उठाने को कहा।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने 7 जुलाई को मीणा समुदाय से संबंधित पक्षों के संबंध में हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की प्रासंगिकता से संबंधित एक याचिका पर फैसला सुनाया था।

तत्कालीन CJI ने UCC पर जताया था जोर

हालांकि मार्च 2021 में यूनिफॉर्म सिविल कोड की आवश्यकता खुद तत्कालीन CJI ने भी व्यक्त की थी। गोवा में नए बॉम्बे उच्च न्यायालय भवन के उद्घाटन समारोह में संबोधित करते हुए तत्कालीन सीजेआई बोबड़े ने शिक्षाविदों से कहा था कि वो देखें कि गोवावासी उनके धर्म के बावजूद शादी और उत्तराधिकार के मुद्दों पर यूनिफॉर्म सिविल कोड कैसे काम करता है।

उन्होंने कहा था कि गोवा में न्याय प्रशासन की विरासत, जो कि साढ़े चार शताब्दियों तक फैली हुई है, को स्वीकार किया जाना चाहिए। “गोवा में भारत के लिए संविधान के नियमों की परिकल्पना की गई है – एक समान नागरिक संहिता। और मुझे उस कोड के तहत न्याय प्रदान करने का महान विशेषाधिकार मिला है।”

आगे उन्होंने कहा था कि मैंने यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में बहुत सारी अकादमिक बातें सुनी हैं। मैं सभी बुद्धिजीवियों से अनुरोध करूंगा। यहां आने के लिए और यह देखने के लिए न्याय प्रणाली देखें कि यह क्या होता है।

राष्ट्रपति ने भी UCC को बताया गौरव का विषय:

यूनिफॉर्म सिविल कोड की तारीफ केवल CJI ने ही नहीं की है बल्कि इसके पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी गोवा राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने को गौरव का विषय बताया था।

राष्ट्रपति 19 दिसंबर कोविंद गोवा मुक्ति दिवस समारोह में भाग ले रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा था कि “गोवा की मुक्ति का संघर्ष केवल नागरिक स्वतंत्रता के लिए नहीं था। वह, भारत के साथ फिर से एकाकार होने की चिर-संचित अभिलाषा की पूर्ति का संघर्ष भी था। महात्मा गांधी कहा करते थे कि कश्मीर या किसी अन्य राज्य की तरह गोवा भी भारत का अंग है। भारत की एकता और अखंडता पर उन्हें अटूट विश्वास था।”

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

कोरोना काल में भी गेंहू की रिकॉर्ड खरीद, पिछले साल की तुलना में इस साल 11.8% अधिक खरीद

Next Story

राजस्थान: पानी भरने गई नाबालिग को अगवा कर सुनसान जगह में किया गैंगरेप, आरोपी साजिद समेत 4 पर केस दर्ज

Latest from सरकारी योजनाए

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को नहीं मिल रहा EWS आरक्षण का लाभ, संघर्ष समिति ने उपमुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस के तहत 10…