देवरिया (UP) : दलित जोड़े को निर्वस्त्र मारने वाले वीडियो के दावे फ़र्जी निकल गए।
सोशल मीडिया पर आंख बंद करके विश्वास करना कतई ठीक नहीं होता। हम इसलिए कह रहे हैं कि उत्तरप्रदेश की एक ऐसी ही घटना फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब पर वायरल कर दी गई लेकिन सच्चाई कोसों दूर थी।
मामले से अवगत कराएं तो हाल में उत्तरप्रदेश में सोशल मीडिया पर दलित समाज के उत्पीड़न का दावा किया जा रहा था जाहिर है कि इसका उद्देश्य था कि दो समाजों में और दूरियां बढ़ाई जाए। लेकिन फ़लाना दिखाना की सोशल मीडिया रिसर्च टीम के सामने से घटना गुजरी तो उन्होंने इसकी खोजी पत्रकारिता दिखाई और घटना फ़र्जी दावे वाली निकली।
बता दें कि सोशल मीडिया पर ये लिखकर देवरिया यूपी की घटना वायरल की गई कि “ये वीडियो प्रशासन तक जाना चाहिए ये देवरिया के सकरापार कि घटना है दलित के लड़के और लड़की को निर्वस्त्र कर मार रहे है अपराधियों कि फोटो भी है। फसल काटने नही आया इसलिए एक अनुसूचित जाति के युवक की निर्दयता से पिटाई की गई और सुप्रीम कोर्ट कहता है अधिनियम का दुरूपयोग होता है।”
पहले तो हमारी टीम ने स्थानीय देवरिया पुलिस से सच्चाई जाननी चाही तो उन्होंने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर ही इस घटना को फर्जी दावों वाला करार किया। पुलिस नें बताया कि इस घटना का वीडियो काफी पुराना है और ये घटना उत्तरप्रदेश की है ही नहीं।
सोशल मीडिया पर एक महिला एवं पुरुष को निर्वस्त्र कर पीटे जाने के संबंध में वायरल वीडियो का खंडन। @Uppolice @AdgGkr @diggorakhpur pic.twitter.com/h1gAkQnwom
— DEORIA POLICE (@deoriapolice) June 26, 2020
हैरानी कि बात है कि दलित उत्पीड़न बताके हजारों कठित दलित चिंतक, कांग्रेस व यूथ कांग्रेस के नेता सतीश मनचंदा जोकि मुंबई कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष हैं उन्होंने कथित अम्बेडकर समर्थक समेत फ़र्जी दावे वाली घटना सोशल मीडिया पर फैलाई। वहीं एक भीम समर्थक यूट्यूब चैनल “भीम शक्ति प्रचंड” नें फ़र्जी घटना के वीडियो पर शो भी बना दिया जिसके लगभग डेढ़ लाख सब्सक्राइबर हैं।
अब आते हैं हमारी रिसर्च टीम की ओर तो पता लगाया कि “फसल काटने पर दलित जोड़ों को निर्वस्त्र कर” मारने वाली घटना का वीडियो देवरिया यूपी का नहीं राजस्थान के बांसवाडा का था। और इसके अलावा घटना में किया गया दावा कि फसल काटने से मना करने पर दलित जोड़े को पीटा, ये भी सरासर फ़र्जी था। यानी वीडियो में किए गए सारे दावे फ़र्जी निकले। वीडियो जून 2020 का नहीं बल्कि अप्रैल 2017 का था, घटना देवरिया यूपी नहीं राजस्थान बांसवाड़ा राजस्थान की थी।
अब आते हैं घटना के वीडियो की असलियत पर तो ये मामला जातीय हिंसा न होकर प्रेम प्रसंग की थी। जिसमें 2017 की घटना के वीडियो में दलित जोड़े को प्रताड़ित कर रहे लोग में खुद परिवार शामिल था।
पूरी घटना इस तरह से थी कि बांसवाड़ा जिले के कलिंजरा थाना क्षेत्र के शंभूपुरा गांव में अप्रैल में युवक-युवती से मारपीट करते हुए उनको निर्वस्त्र कर वीडियो वायरल किया गया। जिसके बारे में स्थानीय पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा के अनुसार प्रेम प्रसंग के चलते शंभुपुरा गांव से भागे युवक-युवती को निर्वस्त्र किया और ढोल बजाते हुए गांव में घुमाया। इस बीच उनका वीडियो भी बनाया गया, जिसको आरोपितों ने बाद में वायरल भी कर दिया। इसके बाद जैसे ही वीडिया वायरल हुआ तो इसकी जानकारी पुलिस तक पहुंची। इसके बाद पुलिस ने ठीक उसी दिन रातों रात युवक और उसके पिता को उठाया लिया था। बता दें कि युवती का पिता ही इस पूरी घटना का प्लानर था।
#Banswara प्रेमी जोड़े को निर्वस्त्र घुमाने का मामला,गृहमंत्री कटारिया ले रहे मामले में लगातार फीडबैक,बांसवाड़ा SP से आज भी लिया फीडबैक pic.twitter.com/6O8B9bLMG8
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) April 20, 2017
वायरल खबर पर निष्कर्ष ये निकला कि फसल काटने से मना करने पर दलित उत्पीड़न की देवरिया यूपी की घटना का वीडियो 3 साल पुराना राजस्थान का था जिसका कारण प्रेम प्रसंग का था और घटना में आरोपी खुद पीड़ित का परिवार भी था।
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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!