केरल: केरल में असिस्टेंट सर्जन की 25 खाली पड़ी सीटों पर भर्ती निकालने पर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। बवाल 25 खाली पड़ी सीटों को भरने के तरीके से पैदा हुआ है।
दरअसल केरल सरकार ने हिन्दू धर्म से परिवर्तित हुए दलितों के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान किया हुआ है। यह प्रावधान अनुसूचित जाति को मिलने वाले आरक्षण से अलग है।
हालाँकि सोशल मीडिया पर घुमाया जा रहा नोटिफिकेशन करीब एक साल पुराना है लेकिन इसमें किये जा रहे दावे सत्य है। नोटिफिकेशन के मुताबिक इसे सरकार द्वारा तीसरी बार जारी किया जा रहा है क्यूंकि इन पदों पर उपयुक्त लोग नहीं मिल पा रहे है।
Kerala govt promoting Conversion 😡
Take action @PMOIndia @narendramodi @HMOIndia @AmitShah @AshwiniBJP @noconversion @TajinderBagga @girirajsinghbjp @myogiadityanath @KeralaGovernor @BJP4Keralam pic.twitter.com/OB28plD2Kn
— Nilesh Desai (@TheNileshDesai) September 2, 2020
आपको बता दे कि पहला नोटिफिकेशन 26.12.2014 दूसरा 30.12.2016 व तीसरा नोटिफिकेशन 6/07/2019 को आया था। नोटिफिकेशन के मुताबिक दोनों बार रिक्त भारतीयों पर अनुसूचित जाति से क्रिस्चन बने लोग नहीं मिल सके है।
वहीं हिन्दू संगठनों का आरोप है कि ऐसी भर्तियां लोगो को धर्म परिवर्तन करने के लिए भी उत्साहित कर सकती है क्यूंकि इन पदों पर जब लोग नहीं मिल पा रहे है तो हिन्दू धर्म के दलितों को यह लालच दिखाकर मिसिनरिया उन्हें बरगला कर उनका धर्म परिवर्तित कर सकती है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने भी वर्ष 2016 में यह साफ़ किया था कि क्रिस्चन धर्म में गए दलितों को केंद्र की भर्तियों में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता रहेगा। लेकिन अलग से ऐसे कोटे बनाने को लेकर केंद्र सहमत नहीं है।
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