बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली पुलिस के बारे में भ्रामक खबरें वायरल हुई हैं जिसमें दावा किया गया है कि मास्क न लगाने पर युवक के हाथ-पैर में कीलें ठोक दी।
यह घटना बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के जगतपुर की है। जहां युवक ने दावा किया कि उसके हाथ में पुलिसवालों ने कीलें ठोक दी। घटना को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है। यहां तक कि समाचार वेबसाइट ने भी भ्रामक जानकारी रिपोर्ट की है। उधर उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने भी घटना को ट्वीट किया है।
बता दें कि एक वीडियो में युवक ने दावा किया कि जब वह अपने घर जा रहा था तो पुलिसवालों ने उसे अपने पास बुलाया। इसके बाद उन पुलिसवालों ने मेरे साथ मारपीट की। उसने दावा में कहा मुझे कई डंडे मारे और गाली गलौच की। इसके बाद उन पुलिसवालों ने मेरी आंखों पर चट्टी बांध दी और हाथ-पैर में कीलें ठोक दीं।
उधर पुलिस ने इस घटना की असल सच्चाई कुछ और ही बताई। बरेली पुलिस के मुताबिक दिनांक 24 मई को कांस्टेबल हरिओम थाना बारादरी बरेली चीता मोबाइल पर शान्ति व्यवस्था रोकथाम अपराध एवं कोविड -19 लाकडाउन के पालन हेतु चौकी क्षेत्र जोगी नवादा में मामूर था। दौराने ड्यूटी रंजीत पुत्र मुन्ने बाबू निवासी हाजी मुल्ला जी वाली गली जोगीनवादा थाना बारादरी बरेली के द्वारा शराब के नशे में आरक्षी हरिओम के साथ कार्य सरकार में बाधा डालते हुए खींचतान, गाली गलौज व मारपीट कर चोट पहुंचाकर जान से मारने की धमकी देकर भाग गया था।
जिसके सम्बन्ध में थाना बारादरी पर दिनांक 24 मई को कांस्टेबल हरिओम द्वारा धारा 323/504/506/332/353/188/267/270 आईपीसी बनाम रंजीत पता उपरोक्त के विरुद्ध पंजीकृत कराया गया। जिसकी विवेचना उप निरीक्षक चमन गिरी द्वारा सम्पादित की जा रही है। अभियुक्त की गिरफ्तारी के प्रयास के लिए दविश दी गयी थी। जिसमें वह पकड़ा नहीं गया था। दिनांक 26 मई को गिरफ्तारी से बचने के लिए षडयंत्र के तहत हाथ एवं पैर पर कील गाडकर मीडिया के सामने प्रस्तुत हुआ।
प्रथम दृष्टया गिरफ्तारी से बचने के लिए उपरोक्त कृत्य किया जाना प्रतीत होता है। अभियुक्त रंजीत के विरुद्ध इसके अतिरिक्त पूर्व में भी थाना बारादरी पर 897/2019 धारा 295 ए / 332 / 353 / 427 / 504 आईपीसी का दिनांक 31.07.2019 को हेड कांस्टेबल रामचरन सिंह तैनाती पीआरवी 0158 द्वारा पंजीकृत कराया गया।
उपरोक्त प्रकरण में इसके द्वारा शराब पीकर मन्दिर की मूर्तियों को हथोडें से तोड़ा गया था जिसमें स्थानीय लोगों के द्वारा पकड़कर पुलिस को सौपा गया था। जिसकी विवेचना उप निरीक्षक योगेश कुमार शर्मा द्वारा सम्पादित करते हुए अभियुक्त रंजीत उपरोक्त को दिनांक 31.07.2019 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। विवेचना में पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त होने के आधार पर आरोप पत्र संख्या 781/2020 दिनांक 12.09.2020 को न्यायालय में प्रेषित की जा चुकी है। जो विचाराधीन न्यायालय है ।