लखनऊ: एक एमपी-एमएलए अदालत ने शनिवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व विधायक योगेंद्र सागर को 13 साल पहले एक छात्रा के अपहरण और बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
उन पर 23 अप्रैल, 2008 को बिलसी, उत्तर प्रदेश से एक स्नातक छात्रा का अपहरण करने और उसके बाद कई बार उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था।
फैसले के मुताबिक, बच्ची के साथ दिल्ली समेत कई जगहों पर और विधायक के आवास पर रेप किया गया। मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया था जिसके आधार पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।
घटना क्या थी?
विधायक व उसके दो परिजनों ने 19 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया। हालांकि, विधायक के प्रभाव में स्थानीय पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।
मुकदमे के दौरान, लड़की ने गवाही दी कि विधायक और उसके दो समर्थकों ने उसका अपहरण कर लिया था जब वह अपने दोस्त के घर जा रही थी। विधायक और उनके कार्यकर्ताओं ने उनके आवास पर कई बार दुष्कर्म किया।
पुलिस ने मुजफ्फरनगर के रेलवे स्टेशन (घर से करीब 200 किलोमीटर दूर) से पीड़िता को बरामद किया। हालांकि, अदालत ने लड़की के नाटकीय ढंग से ठीक होने पर चिंता जताई। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा है कि पुलिस की भूमिका संदिग्ध थी और विधायक के लिए मददगार लगती है।
बेटा है बीजेपी से विधायक
योगेंद्र के बेटे कुशाग्र सागर भी रेप के एक मामले में आरोपी हैं और बीजेपी के टिकट पर विधायक पद पर हैं। कुशाग्र सागर भी बलात्कार के एक मामले का सामना कर रहा है और उस पर अपनी नौकरानी की बेटी के साथ बलात्कार करने का आरोप है।