- नई दिल्ली : तीन दिवसीय चलने वाले “GLOBAL IT CHALLENGE FOR YOUTH WITH DISABILITIES 2018” का समापन रविवार को श्री थावरचंद गेहलोत(Union Minister for Social Justice and Empowerment) की मौजूदगी में हुआ।
- 9 से 11 नवंबर तक चलने वाले इस प्रतियोगी कार्यक्रम को डिपार्टमेंट ऑफ़ एम्पावरमेंट ऑफ़ पर्सन्स विथ डिसैबिलिटीज (DEPwD), मिनिस्ट्री ऑफ़ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट, रिहैबिलिटेशन इंटरनेशनल कोरिया और LG इलेक्ट्रॉनिक्स ने मिलकर आयोजित किया था।
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- कुल 18 देशो के 96 युवा दिव्यांगों ने इस प्रतिस्पर्धा में भाग लिया जिसमे भारत, इंडोनेशिया, चीन, वियतनाम, मलेशिया, थाईलैंड, श्री लंका, बांग्लादेश, नेपाल, मंगोलिया, कंबोडिया, लाओस, फिलीपींस, कोरिया, कजाखस्तान, किर्ग़िज़स्तान, UK और UAE से युवा भाग लेने पहुंचे थे।
- E TOOL और E LIFE MAPPING पर व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा आयोजित की गई थी
- कुल 55 अवार्ड दिए गए जिसमे बेस्ट वालंटियर केटेगरी भी शामिल थी।
- विसुअल, हियरिंग,फिजिकल और डेवलपमेंटल/इंटेलेक्चुअल अक्षमता श्रेणी में तीन अवार्ड हर श्रेणी में दिए गए – बेस्ट, एक्सीलेंट और गुड ।
- थाईलैंड ने सबसे अधिक 6 पदक जीते, जिसके बाद फ़िलीपीन्स ने 5 पदक जीते। भारत ने कुल तीन पदक हथियाये जिसमे मनोज सिंह ने विसुअल श्रेणी में E TOOL और E LIFE MAP प्रतिस्पर्धा को अपने नाम किया वही सौरव कुमार सिन्हा ने सुपर चैलेंजर अवार्ड को अपनी झोली में डाला।
- इंडोनेशिया की Ms. Fayza Putri, Adila ने ग्लोबल आईटी लीडर अवार्ड पर कब्ज़ा किया।
- भारत की तरफ से कुल 12 प्रतिस्पर्धियों को नामित किया गया था।
- Global it Challenge for Youth with Disabilities का पिछला संस्करण वियतनाम में आयोजित हुआ था ।