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भारत में यही रही Corona की रफ़्तार तो 50 हज़ार लोग मई तक गवा देंगे जान: रिपोर्ट

नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस से मची महामारी से अभी कही हद तक भारत भी अछूता दिख रहा है। परन्तु बार बार ‘दा इकोनॉमिस्ट” व अन्य वैश्विक संस्थाओ ने भारत को इटली जैसे हालत बनने में मात्र दो हफ्ते पीछे बताया है। इसी कारण से हमारी टीम ने तीन अन्य देशो (अमेरिका, ईरान व ईटली) के आंकड़े, उनका पैटर्न, आबादी, स्वस्थ्य सेवाओं का गहन अध्यन करके सच्चाई का पता लगाने का जब प्रयास किया तो हमें बेहद डराने वाले आंकड़े देखने को मिले। अध्यन में WHO, जेम्स हॉपकिंस के आंकड़ों को शामिल किया गया है।

आंकड़ों पर नजर डालने से पहले तीनो देशो से भारत के स्वास्थ्य व पापुलेशन डेंसिटी को समझ लेते है। पापुलेशन डेंसिटी के हिसाब से भारत सबसे अधिक भीड़ भाड़ वाला क्षेत्र पाया गया है। भारत इटली के मुकाबले दोगुना, अमेरिका से लगभग 5 गुना व ईरान से लगभग 9 गुने से अधिक भीड़ भाड़ वाला क्षेत्र है। जनसंख्या घनत्व में भारत इन देशो से कही अधिक आगे है तो वायरस फैलने का अनुमान तीनो देशो से लगभग तीन से चार गुना अधिक हो सकता है हालांकि हमने फैलने की रफ़्तार को अन्य देशो जितना ही माना है।

Countries Population Density (per km square)
USA 94
Italy 206
Iran 52
India 464

 

आगे अगर 1000 लोगो पर अस्पतालों में बेड की बात की जाये तो भारत इन देशो से कही पीछे भी है। इटली के मुकाबले भारत में 6 गुना कम बेड है। OECD (Organisation for Economic Co-operation and Development) की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति 1000 लोगो पर एक से भी कम मात्र 0.53 पेशेंट बेड है। वही अमेरिका के पास 10000 लोगो पर बेड्स की संख्या करीब 277 है। इन आंकड़ों के मुताबिक भी भारत में कोरोना वायरस से इलाज न मिलने से मरने वालो की संख्या में भारी उछाल आ सकता है। हालाँकि फिर भी हमने अमेरिका, चीन के मृत्यु दर को ही भारत में सामान माना है।

तीन देशो की स्थिति का आंकलन
हमारे आंकड़ों में एक दिलचस्प बात निकल कर सामने आई है। तीनो देशो में शुरुआत में भारत की तरह ही बेहद ही कम रफ़्तार से कोरोना के पेशेंट सामने आये थे। परन्तु यह आंकड़ा 300 से 400 तक पहुंचने के बाद एक दम से ही 10 से 12 दिनों में 10000 लोगो को पार कर गया। इसका गहन अध्यन करने पर हमने पाया की किसी भी मरीज जिसे कोरोना वायरस अपने जद में ले चूका होता है उसे उसके लक्षण 14 दिन में मालूम पड़ते है। जिससे वह व्यक्ति 14 दिन तक अन्य सैकड़ो लोगो के संपर्क में आ जाता है फिर वह सैकड़ो लोग अन्य सैकड़ो लोगो के संपर्क में आ चुके होते है जिससे यह एक साइकिल की तरह चलने लग जाता है। हर इंसान को 14 दिन बाद यह मालूम चलता है की अब उसकी तबियत बिगड़ने लगी है तब तक वह अपने आस पास के कई लोगो को उससे ग्रस्त कर चूका होता है।

अगर इटली की बात करे तो 16 फरवरी 2020 को देश में मात्र 3 कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज थे। जो 22 फरवरी को बढ़ कर 62 हो गए थे। 25 फरवरी को यह तादाद 322 पर पहुंच गई।

वही ईरान में 16 फ़रवरी को देश में कोई भी व्यक्ति कोरोना से पीड़ित नहीं था। परन्तु 22 फरवरी तक मरीजों की संख्या 28 पहुंच गई थी। वही धीरे धीरे 27 फ़रवरी तक यह आंकड़ा 245 के पास पहुंच गया।

इधर अमेरिका में शुरआत भारत से भी सुस्त रही 25 फ़रवरी को 25 फरवरी तक देश में 51 केस कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 28 फरवरी तक यह आंकड़ा मात्र 60 तक पहुंच पाया। हालाँकि 6 मार्च तक अमेरिका में भी आंकड़ा 262 पहुंच गया।

तीनो देशो में हमने पाया की जैसे ही कोरोना के मरीजों की संख्या 250 से 350 के पार पहुंची वैसे ही अगले 4 दिनों में उनके आंकड़ों में विस्फोट हो गया। नाटकीय रूप से तीनो देशो में मरीजों की संख्या लगतार दो गुने रफ़्तार से बढ़ने लगी।
इटली में मात्र 4 दिनों में आंकड़ा 1000 को पार गया। वही ईरान में भी 4 दिनों में आंकड़ा करीब 7 गुना बढ़ के 1500 पार गया। अमेरिका में 4 दिनों में आंकड़ा 4 गुना बढ़ कर 1000 के करीब आ पंहुचा।

+ve Corona Patients

Analysis of full report: Falna’s Corono Digest

हर चार दिन में न्यूनतम 2 गुना व अधिकतम 6 गुना बढे मामलो से हमारे अध्यन में यह बात साफ़ झलक रही थी कि तीनो देशो में 300 को पार करते ही कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद में बाढ़ जैसी बढ़ोतरी आ गई। वही भारत हर लिहाज में इन तीनो देशो से अधिक तेजी व जल्दी से जद में आने वाला देश प्रतीत हो रहा है। यहाँ भी आंकड़ा तेजी से 300 के पास पहुंच रहा है।

क्या कहता है फलाना कैलकुलेटर
इन्ही आंकड़ों को हमने भारत के परिपेक्ष में लगाने की कोशिश करी तो आंकड़े काफी डराने वाले निकले। डाटा इक्खट्टा करने तक 20 मार्च सुबह 9.30 तक भारत में कोरोना के 200 के करीब मामले सामने आ चुके थे। इसी आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए हमारी टीम ने भारत पर अध्यन किया है। आपको बता दे कि हमने न्यूनतम आंकड़ों को आधार बनाया जोकि भारत की डेमोग्राफी व स्वास्थ्य सेवाओं के मुकाबले बेहद कम नजर आते है।

भारत में 6 मार्च को मात्र 31 लोग कोरोना से पीड़ित थे जो 4 दिन बाद दोगुने होकर 56 हो गए। फिर चार दिन बाद 14 मार्च को यह संख्या लगभग दोगुनी होके 102 तक पहुंच गई। ध्यान रखिये 300 से 400 के आंकड़े तक पहुंचने में किसी भी देश के आंकड़े इतनी तेजी से दो गुने नहीं हो रहे थे। वही 20 मार्च सुबह 9.30 तक यह संख्या एक बार फिर दोगुनी होकर 200 पार कर चुकी थी। इसके बाद हमने अपने अध्यन में पाया की इसी रफ़्तार से भारत 26 मार्च तक 300 से 400 के उस फेर में पहुंच जायेगा जहा से अन्य तीन देशो की संख्या में भारी उछाल देखने को मिला (6 गुना तक उछाल सामने आया था)। हालाँकि हमने न्यूनतम दोगुनी रफ़्तार को ही आधार बनाया है।

ज्ञात होकि हमारी स्वास्थ्य सेवाएं इटली व अमेरिका से निचले स्तर की है। इसके बावजूद हमने आंकड़े लेने में बेहद नरमी बरती है। वही कोरोना वायरस में जनसख्या घनत्त्व भी अमेरिका से 5 गुने से अधिक व ईरान से 9 गुने से अधिक है जिसको कोरोना वायरस केस में ध्यान रखना बेहद जरुरी है। उसके मुकाबले भी हमने अध्यन को अधिक रीयलिस्टिक बनाये रखने के लिए इन्ही देशो के औसत जितना रखा है।

हमारे आंकड़ों के मुताबिक भारत करीब 350 से 400 मरीजों की संख्या को 26 मार्च तक छू लेगा। इस हिसाब से मात्र संख्या को इटली के मुताबिक रखे तो 2 अप्रैल तक भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या करीब 2328 को छू सकती है। इसके बाद हर बार दोगुना करने के लिए तैयार रहिये। इस हिसाब से भारत में 14 अप्रैल तक यह संख्या करीब 19 हज़ार तक पहुंच जाएगी वही 22 अप्रैल तक यह आंकड़ा 75 हज़ार के करीब आ पहुंचेगा।

Day/Date Possible Corona Outcomes  Multiply by
2 April 2328  (388 x 6)
6 April 4656  x2
10 April 9312  x2
14 April 18624  x2
18 April 37248  x2
22 April 74496  x2
26 April 148992  x2
30 April 297984  x2
3 May 595968  x2
7 May 1191936  x2
11 May 2383872  x2

©Data is harvested by the R&D team of Falana Dikhana.

ध्यान रखियेगा भारत की आबादी इन देशो से कही अधिक है इसलिए आने वाले आंकड़े इससे कही गुने अधिक भी हो सकते है। हमारे कैलकुलेटर में यह आंकड़ा अप्रैल के अंत तक करीब 5 लाख तक पहुंच रहा है परन्तु अन्य देशो के आंकड़ों के मुताबिक मरीजों की तादाद 30 अप्रैल तक 3 लाख तक पहुचनी तय है। ऊपर लिस्ट में आप 11 मई तक किस तरह कोरोना के मरीजों में इजाफा होगा उसका लेखा जोखा देख सकते है।

आगे 11 मई तक भारत दुनिया में सबसे अधिक 24 लाख मरीजों के साथ सबसे आगे नजर आ सकता है। ध्यान रखिये अगर तादाद हमारे अध्यन के मुताबिक का आधा भी निकली तो भी भारत में यह महामारी कई हज़ारो की जान लील सकती है।

अगर बात करे मरने वालो की संख्या की तो 2 प्रतिशत फटैलिटी रेट को हमने स्टैण्डर्ड रखा है जिसके मुताबिक भारत में अगर 24 लाख के करीब कोरोना वायरस के मरीज सामने आते है तो है करीब 50 हज़ार लोग अपनी जान गवा देंगे। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह न्यूनतम आंकड़े है। वही भारत के पास इतने आइसोलेशन बेड ही नहीं जितने कोरोना मरीजों को हमारा कैलकुलेटर दिखा रहा है।

मजे की बात: यह पूरा मीडिया हाउस दिल्ली विश्विधालय के छात्रों द्वारा चलाया जा रहा है

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