JDU नेता ने रखी अलग राय, कहा- ‘जातीय जनगणना अनिवार्यता हो लेकिन आर्थिक आधार के साथ’

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में उठाई जा रही राष्ट्रव्यापी जाति-आधारित जनगणना की माँग के बीच जदयू नेता ने इसे आर्थिक आधार पर कराने के लिए जोर दिया है।

सोमवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग करते हुए जदयू नेता अजय आलोक ने कहा, “क्या आरक्षण का लाभ उन लोगों को मिलना चाहिए जो जाति के नाम पर पिछड़ी या अनुसूचित हैं लेकिन आर्थिक दृष्टि से मॉल, ज़मीनों के मालिक हैं, लखपति करोड़पति हैं ?”

आगे अजय आलोक ने कहा, “जातीय जनगणना अनिवार्यता हो लेकिन आर्थिक आधार के साथ, तभी न्याय के साथ विकास और विश्वास होगा।”

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10-पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रव्यापी जाति-आधारित जनगणना के समर्थन में सोमवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

मुख्यमंत्री के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव और भाजपा सहित कई अन्य दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए और दोनों नेताओं ने जाति के आधार पर जनगणना के लिए जोर दिया।

इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के रुख के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि मोदी ने इससे इनकार नहीं किया (जाति गणना) और सभी को सुना। जाति आधारित जनगणना विभिन्न विकास योजनाओं को प्रभावी ढंग से तैयार करने में मदद करेगी।

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