MP : कमलनाथ कैबिनेट नें 27% OBC आरक्षण को मंजूरी देकर आरक्षण की सीमा 70% पार करने में महाराष्ट्र का शानदार पीछा किया है |
गुरुवार को मध्यप्रदेश की नई नवेली कांग्रेस सरकार नें मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई में कई अहम फ़ैसले लिए हैं | उनमें से सबसे महत्वपूर्ण है 27% OBC आरक्षण का, और ये फैसला कमलनाथ कैबिनेट नें सर्वसम्मति से पास कर दिया और अब इसे राज्यपाल के पास अनुमोदन लेकर अंतिम वैधानिक मंजूरी भी दे दी जाएगी |
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब कमलनाथ कैबिनेट नें OBC आरक्षण को वर्तमान के 14% आरक्षण से बढ़ाकर करके 27% करने का प्रस्ताव पास किया हो | इसके पहले उन्होंने सरकार बनते ही जनवरी 2019 में किया था लेकिन उसे राज्य की जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई थी और कोर्ट नें तब स्टे लगा दिया था |
लेकिन यह समय कमलनाथ सरकार को आरक्षण बढ़ाने का इसलिए भाया क्यों कि हाल ही में महाराष्ट्र की बाम्बे हाईकोर्ट नें अपने एक ऐतिहासिक फ़ैसले में कहा कि विशेष परिस्थितियों में आरक्षण की सीमा 50% से पार की जा सकती है इसके लिए जरूरी है कि सरकार को साइंटिफिक डाटा दिखाना पड़ेगा | इसी कारण कोर्ट नें पहली बार तमिलनाडु के बाद महाराष्ट्र में 1992 के इंदिरा साहिनी बनाम भारत सरकार के 50% जातिगत आरक्षण की सीमा वाले केस का उल्लंघन किया और इसको 70% के पार पहुंचा दिया है |
महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है जहाँ सबसे ज्यादा सीटें आरक्षित होंगी यानी और इसमें 13% मराठा आरक्षण को मिलाकर 75% हो जाता है |
अब इधर 70% आरक्षण करने की होड़ राज्यों में लग चुकी है इसलिए इस मौके का फायदा उठाते हुए महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश नें 27% OBC आरक्षण के साथ कुल सीमा 73% कर ली है |
आपको बता दें कि मराठा आरक्षण में फैलला आने के बाद कई रुके हुए आरक्षण जैसे जाट, गुर्जर, पाटीदार आरक्षण में अचानक तेजी देखी गई |
वहीं कमलनाथ कैबिनेट की इस मीटिंग में एक और बड़ा फैसला लेते हुए मध्यप्रदेश के सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए MPPSC की परीक्षाओं में अधिकतम उम्र सीमा फिर से 35 से बढ़ाकर 40 साल कर दी गई है वहीं SC/ST, दिव्यांगों व महिलाओं के लिए इसे 40 से बढ़ाकर 45 साल कर दी गई |
Cabinet approves Bill for 27% OBC quota https://t.co/OwD2lXydQr
— TOI Bhopal (@TOIBhopalNews) July 5, 2019
big shame