असम: विधानसभा में बोले CM हेमंत- हम NRC के पुन: सत्यापन के लिए जाएंगे

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने एक बार फिर NRC सत्यापन के लिए किए गए चुनावी वादे को पूरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

गौरतलब है कि 15वीं असम विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र के अंतिम दिन आज सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत ने सदन को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने असम के विकास व यहां की चुनौतियों को लेकर बात की।

वहीं NRC के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अपना वादा निभाते हुए, हम एनआरसी के पुन: सत्यापन के लिए जाएंगे। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि बीटीआर समझौते के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बीटीआर क्षेत्र में शांति लाने का सपना देखा था। हम कार्बी आंगलोंग में भी शांति लाना चाहते हैं। उनके मार्गदर्शन में हम क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे।

स्वास्थ्य व वर्तमान कोरोना स्थिति पर उन्होंने कहा कि हम बिना किसी भेदभाव के 37 लाख लोगों को पहले ही वैक्सीन दे चुके हैं। हमें उम्मीद है कि जून-जुलाई तक हम उन्हें प्राप्त कर लेंगे। COVID19 के खिलाफ असम की लड़ाई अद्वितीय है और इसकी तुलना किसी अन्य राज्य से नहीं की जा सकती है। 

उन्होंने कहा किहमने झारखंड और तेलंगाना जैसे अन्य राज्यों को रेमडेसिविर सहित दवाओं की आपूर्ति की है। अकेले असम के स्वास्थ्य क्षेत्र ने एक साल में पश्चिम बंगाल से बेहतर प्रदर्शन किया।

युवाओं के मुद्दों पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार एक लाख युवाओं को नियुक्ति देने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपनी बहनों और माताओं के लिए माइक्रोफाइनेंस ऋण माफ करने का वादा भी निभाएंगे।

पुराना परिणाम आया तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे: CM

बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री हेमन्त ने NRC के दोबारा सत्यापन की बात कही हो। इसके पहले जब 10 मई को उन्होंने असम के 15वें मुख्यमंत्री पद की शपथ थी तो अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में, डॉ. सरमा ने एनआरसी पर बोलते हुए कहा था कि असम सरकार असम के सीमावर्ती क्षेत्रों में 20 प्रतिशत नागरिकों के बीच इस प्रक्रिया को फिर से करने के लिए दृढ़ है। इसके अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा हम असम के अन्य जिलों में कम से कम 10 प्रतिशत प्रक्रिया को करेंगे।

उन्होंने कहा था कि हालांकि, एनआरसी की पुन: परीक्षा के बाद, यदि एनआरसी का पुराना परिणाम मान्य होता है तो असम सरकार इसे स्वीकार करेगी और इसे आगे ले जाएगी, यदि ऐसा नहीं हुआ तो सरकार भारत के सर्वोच्च न्यायालय से अगली कार्रवाई का निर्देश देने का आग्रह करेगी।

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

आंध्र प्रदेश: PhD छात्रा ने छेड़छाड़ का किया विरोध तो ईसाई प्रोफेसर ने लगा दिया SC-ST एक्ट

Next Story

कोरोना संकट में 2000 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर देगा BCCI, कहा- हमेशा केंद्र व राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेंगे

Latest from राहत

छत्तीसगढ़ नेता प्रतिपक्ष के बेटे को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, दुष्कर्म और एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज FIR की रद्द

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल…