छतरपुर: एक ऐसे रहस्यमय कुंड के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मध्यप्रदेश राज्य के छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा तहसील में भीमकुंड नामक एक कुंड स्थित है।
पहाड़ियों से घिरे इस क्षेत्र में एक विशाल कुंड है जिसे ‘भीमकुंड’ के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि महाभारत के समय पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां कुछ समय बिताया था। द्रौपदी को प्यास लगने पर भीम ने गदा के प्रहार से इसे प्रकट किया था पौराणिक ग्रंथों में भीमकुण्ड का ‘नारदकुण्ड’ तथा ‘नीलकुण्ड’ के नाम से भी उल्लेख मिलता है।
रहस्यमयी कुंड:
‘भीमकुण्ड’ मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है। जो मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड अंचल में ज़िला छतरपुर में स्थित है, यह स्थान आदिकाल से ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों एवं साधकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। वर्तमान समय में यह धार्मिक-पर्यटन एवं वैज्ञानिक शोध का केन्द्र भी बनता जा रहा है। यहाँ स्थित जल कुण्ड भू-वैज्ञानिकों के लिए परेशानी का विषय है। अनेक शोधकर्ता इस जल कुण्ड में कई बार गोताखोरी आदि करवा चुके हैं, किन्तु इस जल कुण्ड की थाह (गहराई) अभी तक कोई भी नहीं पा सका है।
भीमकुंड के बारे में:
यह जल कुण्ड वस्तुतः एक गुफ़ा में स्थित है। जल कुण्ड के ठीक ऊपर वर्तुलाकार बड़ा-सा कटाव है, जिसमें से सूर्य की किरणें सीधे कुण्ड के जल पर पड़ती हैं। सूर्य की किरणों के कारण इस जल का रंग इंद्रधनुष की तरह अनेक रंग झलकते है। यह कहा जाता है और जबकि आमतौर पर कोई भी व्यक्ति जिसकी म्रुत्यु हो जाती है उसका शरीर जल में तैरता रहता है परन्तु प्रचीनकाल से ऐसी मान्यता है कि इस कुण्ड में डूबने वाले व्यक्ति का मृत शरीर कभी भी ऊपर नहीं आता। सदा के लिए अदृश्य हो जाता है।
भीमकुण्ड के प्रवेश द्वार तक जाने वाली सीढ़ियों के ऊपरी सिरे पर चतुर्भुज विष्णु तथा लक्ष्मी का विशाल मंदिर बना हुआ है। विष्णु-लक्ष्मी जी के मंदिर के समीप विस्तृत प्रांगण में एक प्राचीन मंदिर स्थित है। जिसके ठीक विपरीत दिशा में एक पंक्ति में छोटे-छोटे तीन मंदिर बने हुए हैं, जिनमें क्रमशः लक्ष्मी-नरसिंह, राम का दरबार तथा राधा-कृष्ण के मंदिर हैं। वस्तुतः भीमकुण्ड एक ऐसा विशिष्ट तीर्थ स्थल है, जहाँ ईश्वर और प्रकृति एकाकार रूप में विद्यमान हैं।
वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित:
भारत की प्राचीनतम और वैदिक सभ्यताओं में से एक है ‘भीमकुंड’ इस कुंड के बारे में ऐसी मान्यता है कि देश विदेश के वैज्ञानिक इस कुंड के रहस्य का पता लगाने के लिए जुटे रहें फिर भी सफल न हो सकें। इस पर आज भी संशय बरकरार है कि इस कुंड की गहराई कितनी हैं? इसमें मरने के बाद लोग कहाँ जातें हैं? कुछ भी पता नहीं लग सका है। अन्य एक रिपोर्ट में हमने पाया कि मशहूर टीवी चैनल डिस्कवरी ने भी इसका खुलासा करना चाहा और इसकी गहराई के बारे में जानना चाहा लेकिन वे भी असफल हुए।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.