‘फ़ोनसेवा का विलाप करने वालों की कश्मीर में मजदूरों की हत्याओं पर चुप्पी प्रायोजित’: कुमार विश्वास

नईदिल्ली : कश्मीर में गैर स्थानीय लोगों, मजदूरों की हत्या पर चुप्पी साधने वाली पार्टियों को कुमार विश्वास नें जमकर लताड़ा है।

जम्मू और कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों द्वारा मंगलवार शाम को 5 गैर-स्थानीय मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमले में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है और उसे अस्पताल ले जाया गया है।

मजदूर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से आए थे, मृतकों की पहचान कमलुद्दीन, मुर्सलीम, रोफिक, नईमुद्दीन और रोफीकुल के रूप में हुई है। पांचों मजदूर पश्चिम बंगाल के सागरदीघी पुलिस स्टेशन के तहत बहल नगर के बोखारा के निवासी थे।

और लगभग एक महीने पहले कश्मीर आए थे। घायल व्यक्ति की पहचान जोहिरुद्दीन के रूप में की गई है।

एक मृतक की मां ने कहा कि उसका बेटा इस समय कश्मीर नहीं जाना चाहता था। हालांकि, बाद में उन्होंने दूसरों के साथ वहां जाने का फैसला किया। उसने आश्वासन दिया कि वह एक महीने के बाद घर वापस आएगा और फिर धान काटेगा।

जबकि कुछ दिनों पहले ही कश्मीर में ही राजस्थान, छत्तीसगढ़ व पंजाब के रहने वाले तीन मजदूरों की हत्याएं कर दी गई थीं ।

इधर इन मामलों को लेकर राजनीतिक दल अपने अपने कोने तलाश रही हैं वहीं देश हित के मुद्दों पर मुखर होकर बोलने वाले मशहूर कवि कुमार विश्वास नें उन लोगों पर तीखा निशाना साधा है।

Kumar Vishwas

जो जम्मू कश्मीर के हालातों को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर कुछ दिनों तक संचार सेवाएं रोकी गई थीं, लेकिन कई राजनीतिक दलों व नेताओं नें इसे कश्मीर के लोगों पर ज़ुल्म करार कर दिया था। उदाहरण के तौर पर महबूबा मुफ्ती, गुलाम नबी आजाद, राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी, आदि।

कुमार विश्वास नें एक बयान में कहा कि “कश्मीर में संचार बहाली पर दिन रात बेहाल रहे मेरे कुछ दोस्त जब आतंकियों द्वारा लाइन में खड़ा करके भूने गए राजस्थान-झारखंड-बिहार के बेक़सूर ड्राईवरों-कामगारों की नृशंस हत्या पर चुप्पी साध जाते हैं।”

आगे कुमार नें चुप्पियों को प्रायोजित बताते हुए कहा कि “ऐसी घटनाओं पर चुप्पी के बाद शक पुख़्ता होने लगता है कि हर ओर के रुदालियों का विलाप सुविधाजनक और प्रायोजित है।”

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