लखनऊ: सोमवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मृतक ऋतिक पांडेय के घर पहुंचकर उनके परिवार से मुलाकात की और उन्हें दिलासा दिया। उनके साथ सरोजनी नगर के बीजेपी विधायक राजेश्वर सिंह भी मौजूद थे जिनपर आरोपियों को बचाने के आरोप लग रहे थे। परिजनों से चली 30 मिनट की बातचीत में विधायक ने परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। घटना के बाद से इलाके में तनाव है और स्थानीय लोग विधायक की देरी पर नाराज हैं। इस बीच, ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज के लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बता दें कि मृतक के पिता ने नेताओं से आग्रह किया है कि इसे दो समाज के बीच की लड़ाई न बनायें। उन्होंने आगे कहा कि क्षत्रिय समाज उनका हमेशा से सम्मान करता आया है।
सुरक्षा का दिया गया आश्वासन
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सोमवार को ऋतिक पांडेय के घर पहुंचकर उनके परिवार से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को दिलासा देते हुए कहा कि सरकार न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इस मौके पर सरोजनी नगर के विधायक राजेश्वर सिंह भी मौजूद थे। विधायक ने मृतक के पिता बब्बन पांडे का हाथ थामते हुए कहा कि वे उनके साथ हैं और दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
विधायक राजेश्वर सिंह ने लगभग 30 मिनट तक परिवार से बातचीत की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषियों को सजा मिलेगी और परिवार को न्याय मिलेगा। बातचीत के दौरान परिवार ने अपनी सुरक्षा की मांग की, जिस पर विधायक ने उन्हें उच्च अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया।
विधायक की देरी से स्थानीय लोगों की नाराजगी
ऋतिक पांडे का घर विधायक राजेश्वर सिंह के निवास से केवल 16 किलोमीटर दूर है, लेकिन उन्हें वहां पहुंचने में 8 दिन लग गए। इस पर स्थानीय लोगों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि विधायक आरोपियों को बचा रहे हैं, इसलिए विधायक ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। घटना के बाद जब पांच दिन तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो ब्राह्मण संगठनों ने कैंडल मार्च निकाला और विधायक पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। लोगों का कहना था कि विधायक को तुरंत घटना स्थल पर पहुंचकर परिवार से मिलना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, जिससे उनकी मंशा पर सवाल उठे।
क्षत्रिय समाज ने कहा आरोपियों की हो गिरफ्तारी
क्षत्रिय समाज के नेता बंथरा थाने पहुंचे और कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, लेकिन पूरे समाज को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि कुछ राजनीतिक दल इस मामले को जातिगत रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे समाज में तनाव बढ़ रहा है। दूसरी ओर, ब्राह्मण संगठनों ने घटना के विरोध में कैंडल मार्च निकाला और बंथरा थाने पर प्रदर्शन किया। ‘हत्यारों को फांसी दो’ के नारे लगाते हुए ब्राह्मण संगठन के नेता ऋतिक पांडे के घर तक पहुंचे। समाजवादी पार्टी का 19 सदस्यीय डेलिगेशन भी परिवार से मिल चुका है, जिसमें मोहनलालगंज सांसद आरके चौधरी भी शामिल थे। ब्राह्मण संगठनों ने 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा और न्याय की मांग की। वहीँ क्षत्रिय समाज ने भी कहा कि आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई होनी चाहिए।
सीबीआई जांच की मांग
ऋतिक पांडे के पिता बब्बन पांडे ने बताया कि 21 जुलाई की रात उनके बेटे ने बिजली न आने की शिकायत की थी। इसके बाद गांव के कुछ युवकों ने लाठी-डंडों से उनके बेटे पर हमला कर दिया। पिटाई में ऋतिक गंभीर रूप से घायल हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के बाद शिवसेना ने सीबीआई जांच और परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। शिवसेना का कहना है कि मामले में दोनों पक्षों को न्याय मिलना चाहिए। डीसीपी साउथ तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि सभी नामजद आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और आगे की जांच जारी है। पुलिस की लापरवाही पर भी कार्रवाई की गई है। मृतक के पिता ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इलाके में अमन-चैन बनाए रखना महत्वपूर्ण है और किसी भी प्रकार की हिंसा या भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस मामले को लेकर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की सक्रियता बढ़ गई है और सभी न्याय की मांग कर रहे हैं।
Nancy Dwivedi
Nancy Dwivedi reports for Neo Politico.