इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फेसबुक पर एक वीडियो के प्रसार को लेकर दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया, जिसमें एक मौलाना को यह कहते हुए देखा गया था कि ‘हजरत आदम हिंदुओं का पिता है’।
FIR दर्ज कराने वाले महेश पांडेय ने वीडियो को फेसबुक पर देखा था जिसके बाद उन्होंने मौलाना के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। यह वीडियो उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के रायपुर गाँव में जाबिर खान द्वारा आयोजित कार्यक्रम का था। वीडियो 5 अक्टूबर को फेसबुक पर अपलोड किया गया था। शिकायत पर पुलिस ने शकील खान सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-ए, 505 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 66 के तहत केस दर्ज किया था।
जिसके बाद शकील खान ने FIR रद्द करने को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शकील खान ने अधिवक्ता मोहम्मद शमीम खान और दीपक सिंह पटेल के माध्यम से अपनी तत्काल रिट याचिका इस आधार पर दायर की कि आरोप बिल्कुल फर्जी हैं और वास्तव में ऐसा कोई वीडियो प्रसारित नहीं किया गया है, जो किसी विशेष समुदाय के सदस्यों की भावनाओं को ठेस पहुंचाए।
हालाँकि कोर्ट को दूसरे पक्ष द्वारा बताया गया कि शब्बीर खान के खिलाफ आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है और शकील खान के खिलाफ जांच लंबित है और इसी तरह के नाम (शकील) के साथ एक अन्य व्यक्ति को बरी कर दिया गया है।
सभी पक्षों को सुनने के बाद उच्च न्यायलय ने FIR को रद्द करने से मना करते हुए जाँच एजेंसी को वीडियो की सत्यता का कार्य सौपा है।