लखनऊ: संविधान दिवस पर बसपा ने कहा है कि देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों को विशेषकर शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों आदि में आरक्षण व अन्य और जो भी ज़रूरी सुविधाओं का प्राविधान किया है। उसका पूरा लाभ इन वर्गों के लोगों को अभी तक भी नहीं मिल पा रहा है।
शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भारतीय संविधान को बने अब वर्षों बीत चुके हैं, लेकिन भारतीय संविधान के मूल निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान में देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के लोगों को विशेषकर शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों आदि में आरक्षण व अन्य और जो भी जरूरी सुविधाओं का जो प्राविधान किया है तो इस लम्बी अवधि में भी उसका पूरा लाभ इन वर्गों के लोगों को नहीं मिल पा रहा है, जिसको लेकर इन वर्गों के लोग व हमारी पार्टी भी बहुत ज्यादा दुःखी व चिन्तित भी है। केन्द्र व सभी राज्य सरकारें इस ओर ज़रूर ध्यान दें।
उन्होंने आगे कहा कि इन वर्गों के लोगों को खासकर सपा जैसी उन पार्टियों से भी ज़रूर सावधान रहना चाहिये जिसने एस.सी. व एस.टी. का आरक्षण सम्बन्धी बिल संसद में फाड़ दिया था और बिल को फिर षड़यन्त्र के तहत पास भी नहीं होने दिया गया, अर्थात् इन जैसी पार्टियाँ कभी भी इन वर्गों का विकास व उत्थान आदि नहीं कर सकती हैं।
मायावती ने कहा कि एस.सी. / एस.टी. व ओबीसी वर्गों का ज्यादातर विभागों में आरक्षण का कोटा अधूरा पड़ा है, जिसको लेकर ये दुःखी व पीड़ित लोग आए दिन सड़को पर धरना – प्रदर्शन आदि करते रहते हैं। इन वर्गों के लिए प्राइवेट सेक्टर में अभी तक भी आरक्षण देने की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। साथ ही, अभी तक भी केन्द्र व राज्य सरकारें इस मामले में कोई भी कानून बनाने के लिए तैयार नहीं हैं।