नईदिल्ली : डॉक्टरों पर पत्थरबाजी के बीच सरकार ने सुरक्षा के लिए अध्यादेश लाने की घोषणा कर दी है।
एक ओर जहां देश महामारी से लड़ रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ अराजक तत्व डॉक्टर व नर्सों के खिलाफ हिंसा करने में लगे थे। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद ही IMA ने अपनी प्रस्तावित सांकेतिक हड़ताल वापस ली थी और इसके कुछ घंटों बाद ही सरकार ने इनके सुरक्षा के लिए अध्यादेश को लाने की घोषणा कर दी। इसकी जानकारी आज बुधवार को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर नें दी।
इस अध्यादेश के प्रमुख निम्नलिखित बिन्दु हैं :
– इस अध्यादेश के तहत किसी डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी के साथ ड्यूटी के दौरान हिंसा के लिए 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
– गंभीर चोटों के मामले में हमले में दोषी पाए गए व्यक्ति को 7 साल तक की सजा के साथ ही 1 लाख से लेकर 5 लाख तक के जुर्माने का भी प्रावधान है।
– इसमें कुछ मामलों में 3 महीने से 5 साल तक की सजा का भी प्रावधान होगा वहीं जुर्माने की रकम 50 हजार से दो लाख तक होगी।
– इसे प्रभावी करने के लिए सरकार Epidemic Diseases Act, 1897 में बदलाव करेगी। इसे अंग्रेजी शासनकाल में फैली प्लेग जैसी बीमारी के दौरान बनाया गया था।
– इस तरह के अपराध अब संज्ञेय होंगे और गैर-जमानती भी।
– मामले की जांच 30 दिन के भीतर होगी और उस आधार पर दोषी को सजा दी जाएगी।
अगर किसी तरह का नुकसान होता है, मसलन डॉक्टर के क्लिनिक या अस्पताल की संपत्ति की टूटफूट होती है तो उसके एवज में दोषी से नुकसान क्षतिग्रस्त किए गए सामान के बाजार भाव से दोगुनी रकम वसूली जाएगी।
– अध्यादेश मंजूरी के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा जाएगा।
#Cabinet approves promulgation of Ordinance to amend the Epidemic Diseases Act, 1897 making such acts of violence as cognizable and non-bailable offences and to provide compensation for injury to healthcare service personnel or for causing damage or loss to the property pic.twitter.com/ullrPXvRKA
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) April 22, 2020
इस अध्यादेश के जारी होने पर देश भर के डॉक्टरों ने इसका स्वागत किया है और सरकार को धन्यवाद ज्ञापित भी किया है।
【नोट : ये मीडिया हाउस दिल्ली विश्वविद्यालय के मीडिया छात्रों द्वारा चलाया जा रहा है】